भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) देश में उपलब्ध प्रतिभाओं की संख्या और गुणवत्ता से समझौता किए बिना अधिक टीमों के मामले में ‘विस्तार के लिए तैयार’ है। ऐसी चर्चा है कि 2021 के आईपीएल में आठ की जगह नौ टीमें होंगी और जिसे 2023 तक 10 टीमों का टूर्नामेंट किया जा सकता है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की भी यह दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक द्रविड के इस विचार का राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक मनोज बडाले ने भी समर्थन करते हुए कहा 2021 में नौ-टीमों के साथ आईपीएल का आयोजन ‘निश्चित रूप से संभव है’। द्रविड ने कहा, ‘‘ अगर आप प्रतिभा के दृष्टिकोण से देखे तो मुझे लगता है कि आईपीएल विस्तार के लिए तैयार है। बहुत सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है।’’
द्रविड़ ने कहा कि अगर और अधिक टीमें हों तो सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को समायोजित किया जा सकता है और इससे इसके स्तर में कोई कमी नहीं आएगी। द्रविड़ ने बडाले की किताब ‘ए न्यू इनिंग्स’ के आभासी लॉन्च के दौरान कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि हम तैयार है क्योंकि प्रतिभा के मामले में बहुत सारे नये नाम और चेहरे उभर कर आये है। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन ह्यूज के साथ इस किताब के सह-लेखक बडाले ने आईपीएल के हितघारक के तौर पर टूर्नामेंट के विस्तार के विचार का स्वागत किया। उन्होने कहा, ‘‘ बीसीसीआई को निर्णय लेने की आवश्यकता है और वे इस मामले में आगे कैसे बढ़ना है वे इस पर फैसला करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2021 में नौ-टीम लीग बनाना निश्चित रूप से संभव है, लेकिन इसके लिये आपको दोपहर में ज्यादा मैच खेलने होंगे और प्रतियोगिता के स्तर को बनाए रखना होगा।’’
द्रविड ने कहा कि आईपीएल के कारण हरियाणा के राहुल तेवतिया जैसे खिलाड़ी दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखा पाये। उन्होंने कहा, ‘‘ इससे पहले, आप रणजी ट्रॉफी के लिए चयन पर अपने राज्य संघ पर निर्भर थे। हरियाणा जैसे राज्य में युजवेंद्र चहल, अमित मिश्रा और जयंत यादव जैसे शानदार स्पिनरों के सामने तेवतिया को सीमित अवसर मिलता। ऐसे में अब आप अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सिर्फ राज्य संघ तक सीमित नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि आईपीएल खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले बिना इसका अनुभव प्रदान करता है। उन्होने कहा, ‘‘ कोच के रूप में हम युवा खिलाड़ियों को उनकी यात्रा में मदद कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अनुभव की जरूरत होती है। आप देवदत्त पडिक्कल को देखें जो विराट कोहली के साथ बल्लेबाजी कर रहा है या एबी डिविलियर्स से सीख सकता है।’’
द्रविड ने कहा कि यह दशक (2011-2020) सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के लिए शानदार रहा है जिसमें आईपीएल ने काफी योगदान दिया है। उन्होने कहा, ‘‘ सफेद गेंद की क्रिकेट में भारतीय टीम ने इस दशक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हमने इस दौरान विश्व कप (2011), चैंपियंस ट्रॉफी (2013) जीता और टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल तथा फाइनल में पहुंचे। युवा खिलाड़ियों ने टीवी देखकर और विशेषज्ञों की राय सुनकर काफी कुछ सीखा है।’’