मुंबई: बीसीसीआई ने भ्रष्टाचार मामले में फंसे महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के पिच क्यूरेटर पांडुरंग सलगांवकर को निलंबित कर दिया है। सलगांवकर बुधवार को भारत-न्यूजीलैंड के बीच पुणे में दूसरे एकदिवसीय मैच से पहले एक निजी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर मैच से पहले पिच से छेड़छाड़ की बात कहते हुए पकड़े गए थे।
बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर बताया है कि सलगांवकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बीसीसीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है, "सलगांवकर के भ्रष्टाचार में शामिल होने की खबरों के बाद उन पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें पिच क्यूरेटर के पद से निलंबित कर दिया गया है और उनकी जगह रमेश महामुंकर को मैच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।"
बीसीसीआई ने कहा है कि इससे मैच की शुरुआत पर कोई असर नहीं पड़ा और मैच तय समय पर ही शुरू हुआ। बयान में कहा गया है, "अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ने मैच से पहले पिच का निरीक्षण किया और अपनी मंजूरी दी।"
बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी.के.खन्ना ने कहा, "सालगांवकर को निलंबित कर दिया गया है और इस पूरे मामले की रिपोर्ट आने तक उन्हें स्टेडियम में प्रवेश से सख्त मना किया गया है। मैंने एमसीए के अध्यक्ष आप्टे से बात की है और उन्होंने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।"
पिच क्यूरेटर सालगांवकर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक टेलीविजन चैनल का दावा है कि उसने सट्टेबाज के रूप में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें उसने सालगांवकर से पिच की स्थिति जानने की कोशिश की। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में सलगांवकर कह रहे हैं कि वह दो गेंदबाजों को ध्यान में रखते हुए पिच तैयार करेंगे। हालांकि, उन्होंने इन दो गेंदबाजों का नाम नहीं लिया है। आईसीसी के नियमों के अनुसार पिच की जानकारी देना अपराध है।
बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा कि, "खेल की भावना को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी हरकत को बीसीसीआई बर्दाश्त नहीं करेगी। हमने सावधानी से काम किया है और यह सुनिश्चित किया है कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे मैच में किसी तरह की कमी न रहे।"
बीसीसीआई का कामकाज देख रही प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा, "हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और संबंधित व्यक्तियों के संपर्क में हैं। हमने इसकी रिपोर्ट मांगी है उसके हिसाब से ही कम काम करेंगे। बीसीसीआई में हम इस तरह के मामलों में जीरो टॉलेरेंस की नीति अपनाते हैं।"