कराची| पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) की छह फ्रेंचाइजियों ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से टूर्नामेंट के वित्तीय और स्वामित्व मॉडल में संशोधन की अपील करते हुए कहा है कि इससे उन्हें नुकसान और पीसीबी को फायदा हो रहा है। फ्रेंचाइजियों ने पीसीबी को लिखे संयुक्त पत्र में यह मांग की है। फ्रेंचाइजी और पीसीबी के रिश्तों में उस समय खटास आई जब बोर्ड ने समय पर भुगतान नहीं करने के कारण तीन फ्रेंचाइजियों कराची, लाहौर और मुल्तान को मौका देने से इनकार कर दिया।
पीएसएल के पांचवें सत्र के अनौपचारिक आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक फ्रेंचाइजी को राजस्व से उसके हिस्से के तौर पर 20 से 22 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण लीग चरण के बाद पीएसएल सत्र को स्थगित कर दिया गया था। फ्रेंचाइजियों ने कहा है कि उन्हें जो राशि मिल रही है वे उससे कहीं अधिक खर्च कर रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भविष्य में फ्रेंचाइजी और बोर्ड के बीच होने वाली बैठकों को सिर्फ पीसीबी अध्यक्ष या सीईओ वसीम खान ही संबोधित करें।
इससे पहले 28 जुलाई को संचालन परिषद की बैठक अंतिम समय में रद्द किए जाने के बाद फ्रेंचाइजियों ने पीसीबी को कड़े शब्दों में पत्र लिखा था। पीसीबी ने इसके जवाब में कहा था कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हीं फ्रेंचाइजियों को बुलाया जाएगा तो अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताएं पूरी कर चुकी हैं।
पीसीबी ने अभी तय नहीं किया है कि वह पीएसएल पांच के बाकी बचे चार मैचों का आयोजन करे या लीग चरण के खत्म होने के बाद अंक तालिका के आधार पर विजेता की घोषणा करे।