कोरोनो वायरस महामारी के बीच आईसीसी जल्द से जल्द क्रिकेट की बहाली के लिए प्रयास कर रहा है। हालांकि कोरोना के बाद गेंदबाजों के लिए टेस्ट क्रिकेट में वापसी का इंतजार दूसरों की तुलना में लंबा होने वाला है क्योंकि आईसीसी ने उनको चोटिल होने से बचने के लिए दो से तीन महीने तक की तैयारी का समय निर्धारित किया है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पिछले 2 महीने से बंद क्रिकेट गतिविधि को फिर से शुरू करने के मद्देनजर शुक्रवार (22 मई) को गाईडलाइंस जारी क जिसे 'आईसीसी बैक टू क्रिकेट' नाम दिया गया है। आईसीसी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली के लिए अपनी गाईडलाइंस में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति और 14 दिन के आइसोलेशन ट्रेनिंग की सिफारिश की है।
गाईडलाइंस में कहा गया, "टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों की तैयारी के लिये कम से कम आठ से 12 हफ्ते का समय चाहिए होगा। अंतिम 4-5 सप्ताह की अवधि में मैच की गहन गेंदबाजी शामिल होगी।"
आईसीसी 'बैक-टू-क्रिकेट' गाईडलाइंस में कहा, "क्रिकेट की वापसी के बाद गेंदबाजों के सबसे ज्यादा चोटिल होने का खतरा होगा। सीमित तैयारी के कारण बड़ी चोट का खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में गेंदबाजों की सुरक्षित और प्रभावित वापसी जरूरी होगी"
क्रिकेट की नई गाईडलाइंस आने से क्रिकेट में थोड़ा बदलाव होने की उम्मीद है। आईसीसी की गाईडलाइंस मुताबिक, मैच के दौरान खिलाड़ियों को अपने कैप या सनग्लासेस को ऑन-फील्ड अंपायरों को सौंपने की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं, अंपायरों को भी गेंद को पकड़ते समय दस्तानों का इस्तेमाल करना होगा।
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ICC गाईडलाइंस में खिलाड़ियों को गेंद छूने के बाद आंखें, नाक और मुंह पर हाथ नहीं लगाने की सलाह दी गयी है। गेंद को छूने के बाद अपने हाथ साफ करने के लिये भी कहा गया है। अभ्यास के दौरान खिलाड़ियों के लिए नियम और भी सख्त हो गए हैं क्योंकि उन्हें टॉयलेट का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी।
गौरतलब है कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने 21 मई से 18 गेंदबाजों को मैदान पर व्यक्तिगत ट्रेनिंग की इजाजत दे दी है। इस फैसले के बाद तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड और क्रिस वोक्स मैदान पर अभ्यास करते नजर आए। इसी के साथ इंग्लैंड कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद अपने खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग शुरू करने वाला पहला देश बन गया। बल्लेबाजों और विकेटकीपरों को भी 1 जून से मैदान पर ट्रेनिंग करने की परमिशन होगी।