भारत के टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट बल्लेबाजों के लिये अलग तरह की चुनौती होगा क्योंकि गुलाबी गेंद की रफ्तार और रंग लाल गेंद से काफी अलग होती है।
पुजारा ने ‘सोनी टेन पिट स्टॉप’ शो पर कहा,‘‘डे-नाइट टेस्ट या गुलाबी गेंद से खेलना, यह लाल गेंद से खेलने से बिलकुल अलग है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रारूप भले ही एक हो लेकिन गुलाबी गेंद की रफ्तार और उसका रंग दिखनें में बिल्कुल अलग होता है। बल्लेबाज को इसकी आदत डालनी होगी।’’
उन्होंने कहा कि एसजी लाल गेंद से खेलने के आदी खिलाड़ियों के लिये गुलाबी गेंद से खेलना काफी चुनौतीपूर्ण होगी। उन्होंने कहा,‘‘यह आसान नहीं होगा क्योंकि नेट पर काफी अभ्यास करना होगा। घरेलू स्तर पर यह आसान नहीं है। रणजी ट्रॉफी में एसजी लाल गेंद से खेलने वालों के लिये यह कठिन है। इसके लिये काफी अभ्यास चाहिये।’’
पुजारा को लगता है कि डे-नाइट टेस्ट युवा खिलाड़ियों के लिए एक चुनौती होगी। उन्होंने कहा, "जो खिलाड़ी पहले से ही कुछ घरेलू टूर्नामेंट में गुलाबी गेंद से खेल चुके हैं और जिन्होंने गुलाबी गेंद का एक टेस्ट मैच खेला है, उन्हें इसकी आदत होगी, लेकिन यह एक बल्लेबाज के लिए पूरी तरह से एक अलग चुनौती है।" भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों सीरीज 3 दिसंबर से ब्रिस्बेन के गाबा में शुरू होगी।
गौरतलब है कि भारत ने 2018-19 दौर पर पुजारा की बदौलत 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी। ये भारत की ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 71 वर्षों में उसकी पहली जीत थी। पुजारा सर्वाधिक रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड अपने नाम करने में सफल रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हालांकि तब वार्नर और स्मिथ नहीं थे। इन दोनों पर गेंद से छेड़छाड़ के कारण उस समय एक साल का प्रतिबंध लगा हुआ था।