कोरोना वायरस महामारी के बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने ये कदम उठाया है जिसमें स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स और स्टेडियम को खोलने की इजाजत दे दी है। हालांकि इस दौरान दर्शकों को खेल परिसरों में जाने की परमिशन नहीं होगी। सरकार के इस कदम से मार्च से ही ठप्प पड़े अभ्यास शिविरों को फिर से शुरू करने का रास्ता भी संभवत: साफ हो गया।
इससे पहले बीसीसीआई ने भी संकेत दिया था कि वह जल्द ही भारतीय शीर्ष खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू कर सकता है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल ने अपने बयान में कहा था कि अगर सरकार द्वारा पाबंदियों में ढीलाई की जाती है तो शीर्ष क्रिकेटर 18 मई से आउट डोर ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं।
इस बीच भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का बयान आया है। राहुल द्रविड़ का मानना है कि कोविड महामारी के बाद जब खेल की वापसी होगी तो खिलाड़ियों के मन में संदेह, संकोच और भय की भावना बनीं रहेगी। द्रविड़ ने फेसबुक लाईव पर ‘स्टेइंग अहेड ऑफ कर्व - द पावर ऑफ ट्रस्ट’ विषय पर चर्चा के दौरान कहा, ‘‘खेल शुरू होने के बाद कुछ समय के लिए खिलाड़ियों के मन में संदेह या भय हो सकता है। मुझे यकीन है कि जब फिर से खेल शुरू होगा तो निश्चित तौर पर हिचकिचाहट होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मुझे नहीं लगता कि यह बड़ी ज्यादा परेशानी होगी। मुझे नहीं लगता है कि एक बार शीर्ष खिलाड़ी जब मैदान पर उस चीज के लिए उतरेंगे जिससे वह प्यार करते है तो उन्हें परेशानी होगी।’’ द्रविड़ ने आगे कहा, ‘‘बहुत से खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती यह होगी कि जब वे दो या तीन महीनें तक नहीं खेलेंगे तो अपने शरीर पर विश्वास रखेंगे की नहीं।’’ द्रविड़ ने कहा कि शीर्ष स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करने से पहले खिलाड़ियों को फिटनेस हासिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक समेत दुनियाभर में कई बड़ी खेल प्रतियोगिताओं और टूर्नामेंट को रद्द या स्थगित कर दिया गया है जिनमें इंडियन प्रीमियर की लीग का 13वां सीजन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
(With PTI inputs)