अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने बुधवार को कहा कि क्रिकेट के पास अन्य खेलों के मुकाबले ये फायदा है कि पिच को इस तरह से तैयार किया जा सकता है, जहां बल्ले-गेंद का संतुलन बना रहे।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति ने कोरोनोवायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पिछले महीने गेंद पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। साथ ही लार के विकल्प के तौर पर किसी भी कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी थी।
इससे पहले भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा था कि गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन के कारण उन्हें इसकी कमी खलेगी। उन्होंने कहा था कि ICC को गेंदबाजों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसका विकल्प देना चाहिए ताकि बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच बराबरी का मुकाबला देखने को मिले।
कुंबले ने फिक्की वेबीनार में कहा, ‘‘क्रिकेट में आपके पास पिच होती है जिसके हिसाब से आप खेल सकते हैं तथा बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बना सकते हैं। ’’ गेंदबाजों को टेस्ट क्रिकेट में लार के उपयोग की कमी महसूस होगी क्योंकि इससे उन्हें परंपरागत और रिवर्स स्विंग हासिल करने में मदद मिलती है।
कुंबले ने कहा, ‘‘आप पिच पर घास छोड़ सकते हो या दो स्पिनरों के साथ खेल सकते हो। टेस्ट मैचों में स्पिनरों को वापस लेकर आओ क्योंकि एकदिवसीय मैच या टी20 में आप गेंद को चमकाने को लेकर चिंतित नहीं होते हो। वह टेस्ट मैच हैं जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं। ’’ इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘और टेस्ट मैचों में क्यों न हम आस्ट्रेलिया में या इंग्लैंड में दो – दो स्पिनरों के साथ खेलें जैसा कि अमूमन नहीं होता है। ’’
कुंबले ने पहले भी कहा था कि लार पर प्रतिबंध अंतरिम उपाय है और उन्होंने कहा कि कृत्रिम पदार्थ के उपयोग की अनुमति से खेल में रचनात्मकता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम गेंद पर कुछ अन्य पदार्थ का उपयोग कर सकते हैं। गेंद पर क्या उपयोग करना है और क्या नहीं इसको लेकर इतने वर्षों तक हमारा रवैया बेहद कड़ा रहा है।’’
कुंबले ने कहा, ‘‘गेंद पर बाहरी पदार्थ के उपयोग को लेकर हमारा रवैया बेहद सख्त रहा है। हमने इस बात को महसूस किया। हमें रचनात्मकता के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।’’ कुंबले ने हालांकि स्वीकार किया कि खिलाड़ियों के लिये लार का उपयोग नहीं करने से सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों के लिये इससे सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा और इसलिए मेरा मानना है कि यह अभ्यास की बात है जिसे उन्हें धीरे धीरे शुरू करना होगा क्योंकि आपको वापसी करते ही मैच नहीं खेलना है। ’’
कुंबले ने कहा, ‘‘आप ढाई महीने बाद वापसी कर रहे हो और विशेषकर अगर आप गेंदबाज हो तो मैच में उतरने से पहले आपके लिये पर्याप्त गेंदबाजी अभ्यास जरूरी होता है।’’ उन्होंने कहा कि समिति ने जल्द से जल्द क्रिकेट बहाल करने पर ध्यान देकर सिफारिशें की। कुंबले ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि गेंद को चमकाने को लेकर बहुत चर्चा चल रही है लेकिन हमारा विचार जल्द से जल्द क्रिकेट शुरू करना था और इसके बाद मुझे विश्वास है कि चीजें सामान्य हो जाएंगी। हां कुछ चुनौतियां होंगी। आपको एक समय में एक मैच पर ध्यान देना होगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने आईसीसी के जरिये विभिन्न बोर्ड को दिशानिर्देश दिये हैं क्योंकि प्रत्येक देश की और देश के अंदर अपनी चुनौतियां है। भारत के अंदर ही देख लो उदाहरण के लिये महाराष्ट्र की अपनी चुनौतियां है और कर्नाटक की भिन्न चुनौतियां हैं।’’
(With PTI inputs)