गोल्ड कोस्ट। भारतीय कप्तान मिताली राज ने बुधवार को कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय दौरों पर टेस्ट नियमित रूप से खेला जाता है तो महिलाओं के घरेलू सर्किट में लाल गेंद से क्रिकेट की वापसी जरूरी है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरूवार से शुरू हो रहे दिन रात के ऐतिहासिक टेस्ट से पहले भारतीय टीम को अभ्यास के लिये दो ही सत्र मिले।
मिताली तैयारी के लिये और समय चाहती थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण संभव नहीं हो सका। भारत ने सात साल में पहली बार जून में टेस्ट खेलते हुए इंग्लैंड को ड्रॉ पर रोका था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिन रात का यह उसका पहला टेस्ट है।
मिताली ने कहा ,‘‘अगर इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करना है तो घरेलू सर्किट पर अनुभव होना जरूरी है। अगर टेस्ट नियमित तौर पर खेले जाते हैं तो घरेलू क्रिकेट के प्रारूप में इसे जोड़ना होगा।’’
महिला टीम के लिये दो दिवसीय मैच 2018-19 सत्र के बाद बंद कर दिये गए। मिताली ने कहा कि दुनिया भर में लीग खेल रहे युवा खिलाड़ी टेस्ट भी खेलना चाहते हैं जो महिला क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि एक साल में दो टेस्ट इस दिशा में अच्छा कदम है।
उन्होंने कहा ,‘‘अगर द्विपक्षीय श्रृंखला में यह नियमित तौर पर होते हैं तो तीनों प्रारूपों में खेलने से खिलाड़ियों को फायदा होगा। मैं सभी खिलाड़ियों से सुनती हूं कि वे टेस्ट खेलना चाहते हैं। लाल गेंद से खेलें या गुलाबी से लेकिन अगर टेस्ट खेलने को मिलता है, तो अच्छी बात है।’’