Thursday, November 21, 2024
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गुलाबी गेंद टेस्ट : क्यूरेटर दलजीत ने पिच पर अधिक घास रखने की सलाह, इतने बजे शुरु हो सकता है मैच

बीसीसीआई के पूर्व मुख्य क्यूरेटर दलजीत सिंह ने अगले महीने भारत में होने वाले पहले दिन रात्रि टेस्ट मैच के दौरान विकेट पर अधिक घास रखने और ओस से बचने के लिये आउटफील्ड पर कम घास रखने की सलाह दी है।

Reported by: Bhasha
Published on: October 30, 2019 15:35 IST
Pink ball test: curator Daljeet advised to keep more grass on the pitch, the match can start at this- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Pink ball test: curator Daljeet advised to keep more grass on the pitch, the match can start at this time

दिल्ली। बीसीसीआई के पूर्व मुख्य क्यूरेटर दलजीत सिंह ने अगले महीने भारत में होने वाले पहले दिन रात्रि टेस्ट मैच के दौरान विकेट पर अधिक घास रखने और ओस से बचने के लिये आउटफील्ड पर कम घास रखने की सलाह दी है। बीसीसीआई और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने ईडन गार्डन्स में 22 नवंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच को गुलाबी गेंद से खेलने पर सहमति जतायी है। 

इस दिन रात्रि टेस्ट मैच की तैयारियों में हालांकि बहुत कम समय बचा है। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) को हालांकि गुलाबी गेंद से मैचों के आयोजन का अनुभव है। भारतीय क्रिकेट में 22 साल तक सेवा देने के बाद बीसीसीआई के मुख्य क्यूरेटर पद से पिछले महीने सेवानिवृत होने वाले दलजीत ने पीटीआई से कहा, ‘‘ओस मुख्य चिंता होगी। इसमें कोई संदेह नहीं। उन्हें समझना होगा कि आप इससे बच नहीं सकते हो। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे बचाव के लिये आउटफील्ड में घास कम रखनी होगी और पिच पर आम घास से अधिक लंबी घास रखनी पड़ेगी। आउटफील्ड में जितनी अधिक घास होगी, ओस की परेशानी उतनी ज्यादा होगी।’’ 

इस मैच के दोपहर बाद 1:30 मिनट से शुरू होने की संभावना है और खेल रात 8:30 मिनट तक चल सकता है। दलजीत का मानना है कि गुलाबी गेंद की चमक लंबे समय तक बनाये रखने के लिये पिच पर अधिक घास रखनी होगी। उन्होंने और उनकी टीम ने 2016 में दलीप ट्राफी टूर्नामेंट के दौरान ऐसा किया था जब मैच ग्रेटर नोएडा में दूधिया रोशनी में खेले गये थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘गुलाबी गेंद जल्दी गंदी हो जाती है और इसलिए उन्हें पिच पर अधिक घास रखनी होगी। आपको याद होगा जबकि एडीलेड में (2017 में) पहला दिन रात्रि टेस्ट मैच खेला गया था तो उन्होंने पिच पर 11 मिमी घास रखी थी। आपको इतनी घास को तैयार करना होगा। आप मैच के एक दिन पहले इसे नहीं काट सकते या फिर पिच धीमी खेलेगी। ’’

दलजीत ने कहा, ‘‘(दलीप ट्राफी मैचों के दौरान) ओस एक मसला था, गेंद वास्तव में गंदी हो जाती थी। पिच पर सात मिमी घास थी जबकि अमूमन घास 2.

5 से चार मिमी लंबी होती है। घास लंबी होने का मतलब है कि गेंद बहुत अधिक सीम करेगी। ’’

एक अन्य क्यूरेटर ने गोपनीयता की शर्त पर मैच से दो तीन दिन पहले से आउटफील्ड की घास पर पानी न डालने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘ओस मसला होगा लेकिन तब बहुत अधिक ठंड नहीं रहेगी। सुपरसोपर्स के अलावा ओस से निबटने में उपयोगी रसायनों का उपयोग किया जा सकता है। आउटफील्ड में काफी घास काटनी होगी। मैच से दो दिन पहले पानी डालना बंद करना होगा क्योंकि इससे नमी बन जाएगी। ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘आउटफील्ड में हम अमूमन सात से आठ मिमी घास रखते हैं लेकिन दिन रात्रि टेस्ट मैच के लिये यह छह मिमी रखी जा सकती है। इससे आप ओस का प्रभाव कम कर सकते हैं लेकिन आप प्राकृतिक परिस्थितियों से पूरी तरह नहीं निबट सकते हो। ’’

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