क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग और भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल खिलाड़ियों के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। पीसीबी ने सरकार से यह मांग की है कि वह मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में लाने के लिए कानून बनाए जिससे की इस पर शिकंजा कसा जा सके। पिछले कुछ सालों में कई पाकिस्तानी क्रिकेटर इस खेल को दागदार कर चुके हैं।
पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनी ने बोर्ड की कमजोरियों को उजागर करते हुए कहा कि फिलहाल उनके पास भ्रष्टाचार के मामलों की गहन जांच के लिए गवाहों को बुलाने या बैंक खाते जांचने का वैधानिक अधिकार नहीं है।
मनी ने मंगलवार को कहा, ‘‘मैं पहले ही सरकार से इस बारे में बात कर चुका हूं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे क्रिकेट खेलने वाले देश पहले ही मैच फिक्सिंग को आपराधिक मामला बनाने से जुड़ा कानून बना चुके हैं।’’
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उन्होंने कहा कि पीसीबी उस प्रक्रिया को करीब से समझ रहा है जिसे श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने मैच फिक्सरों के खिलाफ कानून बनाने के दौरान अपनाया था।
मनी ने कहा, ‘‘हम उनकी प्रक्रिया का करीबी अध्ययन कर रहे हैं और हम यह भी चाहते हैं कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार की गतिविधि को आपराधिक मामला माना जाए।’’
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मनी ने हालांकि कहा कि जब तक कानून नहीं बन जाता तब तक पीसीबी आईसीसी की मौजूदा एंटी करप्शन यूनिट का पालन करता रहेगा जो बैन और रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद खिलाड़ी को क्रिकेट में वापसी की स्वीकृति देती है।