ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस चाहते हैं कि COVID-19 संकट के मद्देनजर अगर लार पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल को मंजूरी दी जानी चाहिए। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति ने थूक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोनवायरस पर लगाम लगने के बाद जब फिर से क्रिकेट की वापसी होगी तो COVID-19 की रोकथाम के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
कमिंस ने क्रिकेट डॉट कॉम वेबसाइट से कहा, "अगर हम लार के इस्तेमाल को खत्म कर देते हैं, तो हमारे पास एक और विकल्प होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "पसीना बुरा नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें उससे कहीं अधिक कुछ चाहिए, आदर्श रूप से। जो कुछ भी है, मोम या मुझे नहीं पता कि क्या।"
कमिंस ने आगे कहा, "अगर विज्ञान हमें बता रहा है कि लार के इस्तेमाल से कोरोना वायरस का जोखिम है तो हमें अन्य विकल्प खुले रखने चाहिए। चाहे वह पसीना हो या कुछ फिर कोई कृत्रिम पदार्थ।"
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ऑस्ट्रेलिया के स्टार खिलाड़ी और पैट कमिंस के साथी खिलाड़ी जोश हेजलवुड का भी मानना है कि क्रिकेट मैच में लार के इस्तेमाल पर बैन से गेंदबाजों को गेंद चमकाने में काफी मुश्किल हो जाएगी।
हेजलवुड का मानना है संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए लार या पसीने पर अगर अभी बैन लगा भी दिया जाता है इसके बावजूद अपंयार के लिए इस पर ध्यान रखना काफी मुश्किल हो जाएगा।
डेली टेलीग्राफ से बात करते हुए हेजलवुड ने कहा, ''मैं हमेशा गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करता हूं। सब एक तरह से क्रिकेट खेलते हैं, ऐसे में इसे बैन करना एक काफी मुश्किल फैसला होने वाला है।''
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इस महीने की शुरूआत में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट-बॉल निर्माता कूकाबुरा ने लार और पसीने के विकल्प के तौर पर जल्द ही ‘वैक्स एप्लिकेटर’ तैयार करने का ऐलान किया था। कूकाबुरा ने बताया था कि ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा के शोध एवं विकास केंद्र गेंद को चमकाने के पारंपरिक तरीके के विकल्प को तैयार करने पर काम कर रहा है।