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विदेशी दौरे पर कप्तान जो रूट के लिए सिरदर्द बनी तेज गेंदबाजों की नकामी

विदेशी दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में जेम्स एंडरसन की गैरमौजूदगी में तेज गेंदबाजों की लगातार असफलता से इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।

Edited by: IANS
Published on: December 05, 2019 18:20 IST
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Image Source : GETTY IMAGES Jofra Archer and Joe root

न्यूजीलैंड दौरे पर गई इंग्लैंड की टीम का प्रर्दशन टेस्ट सीरीज में निराशाजनक रहा। इंग्लैंड को इस सीरीज में करारी हार का सामना करना पड़ा। उसकी इस हार का एक अहम कारण उसके तेज गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन रहा। अपने सबसे सफल तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की गैरमौजूदगी में इंग्लिश टीम की आक्रमण पंक्ति न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों के सामने संघर्ष ही करती दिखी।

इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों का जो प्रदर्शन रहा, उसको अगर देखा जाए तो उसके इतिहास में सबसे खराब है। उनके विकेट लेने के स्ट्राइक रेट की बात की जाए तो यह 115.7 गेंद प्रति विकेट रहा। इससे खराब इंग्लैंड के किसी और टीम का स्ट्राइक रेट नहीं रहा है।

ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि न्यूजीलैंड की पिचों पर तेज गेंदबाजों को मदद नहीं मिलती, बावजूद इसके उसका बेहतरीन आक्रमण कारगार साबित नहीं हो सका।

विदेशी दौरे पर फिसड्डी साबित हुए तेज गेंदबाज

घर से बाहर अगर इंग्लैंड के प्रदर्शन की समीक्षा की जाए तो दो बातें साफ निकल कर सामने आती हैं। पहला, एंडरसन के अलावा इंग्लैंड के पास ऐसा कोई तेज गेंदबाज नहीं है जो आगे रह सके। दूसरा इंग्लैंड से बाहर भी जहां तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है वहां उसके गेंदबाज उन परस्थितियों का ज्यादा फायदा नहीं उठा पाते।

न्यूजीलैंड में एंडरसन के न रहते हुए टीम के आक्रमण को संभालने की जिम्मेदारी स्टुअर्ट ब्रॉड पर थी, लेकिन ब्रॉड का अनुभव भी बस्ते में ही रहा। न्यूजीलैंड में खेले गए दो टेस्ट मैचों में ब्रॉड ने 70 ओवर फेंके और 165 रन देकर सिर्फ चार विकेट निकाल पाए। इस दौरान ब्रॉड का औसत 41.25 और स्ट्राइक रेट 105.0 रहा।

एशेज सीरीज में एंडरसन के चोटिल होने के बाद टेस्ट डेब्यू करने वाले युवा जोफ्रा आर्चर का जोश भी ठंडा ही रहा। एशेज सीरीज में स्टीव स्मिथ को अपनी बाउंसरों से परेशान करने वाले आर्चर दो मैचों में सिर्फ दो विकेट ही ले पाए। सीरीज में उनका औसत 104.50 और स्ट्राइक रेट 246 रहा। इंग्लैंड के लिए इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सैम कुरैन ने लिए। सैम ने दो मैचों में छह विकेट लिए। सैम का औसत 39.66 और स्ट्राइक रेट 74.1 रहा।

वोक्स ने एक मैच खेला और उसी में वो चार विकेट लेने में सफल रहे। उनका औसत 23.75 और स्ट्राइक रेट 63.00 रहा।

एक बार फिर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज घर से बाहर विफल ही रहे। ऐसा पहली बार नहीं है कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने घर से बाहर निराश किया हो, वो भी उन परस्थितियों में जहां दूसरी टीम के तेज गेंदबाज सफल होने में कामयाब रहे हों।

दक्षिण अफ्रीका दौरे पर होगी अग्नि परीक्षा

इंग्लैंड को अगला दौरा दक्षिण अफ्रीका का करना है। अगर यहां इंग्लैंड के पिछले दौरे की बात की जाए तो एंडरसन को छोड़कर इंग्लैंड का कोई और तेज गेंदबाज शीर्ष-5 में शामिल नहीं रहा। हां स्पिनर मोइन अली ने जरूर पिछले दक्षिण अफ्रीका दौरे पर फिरकी का जलवा दिखाया था और चार टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा 25 विकेट लिए थे। उनके बाद एंडरसन थे जिन्होंने 20 विकेट लिए थे।

अगर एंडरसन को हटा दिया जाए तो इंग्लैंड के बाकी के गेंदबाज विदेशी जमीन पर संघर्ष ही करते दिखे हैं। ब्रॉड ने पिछले दक्षिण अफ्रीका दौरे पर चार टेस्ट मैचों में 11 विकेट झटके थे और इस दौरान उनका औसत 32.00 और स्ट्राइक रेट 66.00 रहा था। ब्रॉड के बाद रोलेंड जोंस थे जिन्होंने दो मैचों में 10 विकेट लिए थे।

दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की तरह ऑस्ट्रेलिया भी तेज गेंदबाजों की मददगार स्थितियों के मशहूर है लेकिन यहां मेजबान टीम के सामने एंडरसन को छोड़कर इंग्लैंड के गेंदबाजों का पदर्शन असरदार नहीं कहा सकता।

पिछली एशेज सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शीर्ष-4 में ऑस्ट्रेलिया के ही थे और पांचवें नंबर पर एंडरसन थे। एंडरसन ने पांच मैचों में 17 विकेट लिए थे। सीरीज में उनका औसत 27.82 और स्ट्राइक रेट 78.8 रहा था।

एंडरसन के बाद स्टुअर्ट ब्रॉड का नंबर था, जिन्होंने पांच मैचों में 11 विकेट लिए थे। ब्रॉड का इस सीरीज में औसत 47.72 और स्ट्राइक रेट 106.3 था। क्रिस वोक्स ने चार मैचों में 10 विकेट लिए थे।

एंडरसन के बिना घर में तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण पर असर नहीं पड़ता यहां उसके गेंदबाज थोड़ा बेहतर होते हैं। मसलन हालिया एशेज सीरीज में ब्रॉड पांच मैचों में 13 विकेट लेकर दूसरे स्थान पर थे। और पहले टेस्ट में चोट के कारण बाहर हुए एंडरसन के स्थान पर आए आर्चर चार मैचों में 22 विकेट लेकर तीसरे स्थान पर थे।

घरेलू मैदान पर भी नहीं दिखा सके कमाल

अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो इस एशेज सीरीज में भी हालांकि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज घरेलू परिस्थति में ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण से पीछे थे और यही अहम कारणों में से एक था कि ऑस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज अपने पास ही रखी। घर में इंग्लैंड के लिए गेंदबाजों के लिए स्टीव स्मिथ को आउट करना सिर दर्द बन गया था। चार मैचों में स्मिथ ने 700 से ज्यादा रन बटोरे थे।

एशेज सीरीज और न्यूजीलैंड दौरे पर टीम के प्रदर्शन ने इंग्लैंड के कप्तान जोए रूट पर दबाव बढ़ा दिया है। वो सोच रहे होंगे कि किस तरह एंडरसन की कमी पूरी की जाए और घर से बाहर भी टीम के तेज गेंदबाज माकूल परिस्थितियों में ज्यादा विकेट निकाल पाने में सक्षम बनें।

इसी लिहाज से इंग्लैंड का अगला दक्षिण अफ्रीकी दौरा बेहद अहम है क्योंकि इसी से रूट अपने लिए सबसे चुनौतीपूर्ण दौरे के लिए माहौल तैयार करेंगे। एशेज रूट के लिए चुनौती भी है और ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराना उनका सपना भी है।

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