कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच कल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच पहला इंटरनेशनल मैच बंद दरवाजों में यानी की बिना दर्शकों के खेला गया। कोविड-19 के डर से ना तो खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ मिला रहे थे और ना ही विकेट लेने के बाद अच्छे से अपनी खुशी जाहिर कर पा रहे थे। खिलाड़ी मैच के दौरान फीस्ट बम और कोहनियों के सहारा एक दूसरे के प्रदर्शन का अभिवादन करते रहे।
बिना दर्शकों के मैच खेलना कितना कठिन होता है, यह खिलाड़ियों को तब पता चला जब मैच के दौराम मैदान पर एकदम सन्नाटा छाया हुआ था और साथ ही जब गेंद स्टैंड में जा रही थी, तो खिलाड़ियों को खुद जाकर गेंद को लाना पड़ रहा था। बिना दर्शकों के खेले गए इस मैच का अनुभव ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच के साथ पैट कमिंस और ईश सोढ़ी ने साझा किया।
एरॉन फिंच ने कहा "आधा दर्जन लोगों के सामने खेलने काफी अजीब था, लेकिन विश्व भर में खेल के सभी टूर्नामेंट के रद्द होने की तुलना में यह परिणाम काफी अच्छा था। घर में वापस आकर फैन्स के लिए प्रदर्शन करना अच्छा लगा।"
वहीं ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने इस अजीबो-गरीब करार देते हुए कहा यह मैच घरेलू मैच की तरह लग रहा था। कमिंस ने कहा "यह निश्चित रूप से अजीब था। शायद कुछ मायनों में सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय खेल की तुलना में बहुत अधिक आराम महसूस हुआ। यह मैच शेफ़ील्ड शील्ड गेम या ग्रेड गेम की तरह था, जो कि अच्छा था।"
उन्होंने आगे कहा "आपको वास्तव में एक अंतर्राष्ट्रीय पक्ष के रूप में मौका नहीं मिलता है कि ऐसे मैच में हिस्सा लें, बीच मैच में एक-दूसरे से बात कर सकें और बहुत आराम करें। इसलिए मैंने वास्तव में इसका आनंद लिया, लेकिन निश्चित रूप से अलग था।"
इसी कड़ी में न्यूजीलैंड के स्पिनर ईश सोढ़ी ने कहा "यह बहुत अलग था, हर बार जब आप बोलने की कोशिश करते थे तो चारों ओर आवाज गूँजती थी। आपको दिखाता था कि यह कितना खाली था। यह थोड़ा विचित्र था।"