आईसीसी वनडे विश्व कप में हमेशा से ऑस्ट्रेलियाई टीम का दबदबा रहा है। आईसीसी के इस सबसे बड़ी प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया पांच बार विश्व चैंपियन बनी है, लेकिन साल 2011 में आज ही के दिन युवराज सिंह ने एक ऐसी अर्द्धशतकीय पारी खेली जिसके कारण कंगारु टीम का सपना चकनाचूर हो गया था।
24 मार्च 2011 के दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद में विश्व कप का क्वाटर फाइनल मुकाबला खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 261 रनों का लक्ष्य रखा।
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भारत के लिए ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने सधी हुई शुरुआत की और पहले के लिए 44 रन जोड़े। हालांकि सहवाग अपनी पारी को बहुत आगे तक नहीं ले जा सके और 15 रन बनाकर आउट हो गए।
इसके बाद सचिन ने गौतम गंभीर के पारी को संभाला और दोनों के बीच 50 रनों की साझेदारी हुई। इन दोनों ही बल्लेबाजों ने अपना-अपना अर्द्धशतक पूरा किया लेकिन चिंता की बात यह थी कि भारतीय टीम लगातार अंतराल पर अपना विकेट गंवा रहा था।
इस बीच युवराज सिंह और सुरेश रैना ने पारी को संभालने का काम किया और विकेट पर टिक गए। इन दोनों ही खब्बू बल्लेबाजों के मिलकर 74 रन जोड़े और भारत के लिए जीत का दरवाजा खोल दिया।
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इस दौरान युवराज ने 65 गेंदों का सामना करते हुए 8 बेहतरीन चौकों के साथ नाबाद 57 रनों की पारी खेली। वहीं दूसरी तरफ रैना 28 गेंद में 34 रन बनाकर नाबाद रहे।
इस तरह भारत ने 14 गेंद शेष रहते ही मुकाबला 5 विकेट से जीतकर ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप 2011 में चैंपियन बनने के सपने को चकनाचूक कर दिया। टीम के लिए यह जीत इसलिए भी खास था क्योंकि वनडे विश्व कप में भारत ने ऑस्ट्रेलिया 24 साल बाद पटखनी दी थी।
युवराज सिंह ने इस मैच में ना सिर्फ बल्लेबाजी से बल्कि गेंदबाजी में भी कमाल का प्रदर्शन किया था। युवी ने मैच में कुल 10 ओवर डाले और 44 रन खर्च कर 2 विकेट भी हासिल किए थे। उनको इस ऑलराउंडर खेल के लिए प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था।