भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के चिर-प्रतिद्वंदी है। इन दोनों टीमों का मैच देखने फैन्स भारी तादाद में मैदान पर पहुंचते हैं। हालांकि राजनीतिक कारणों की वजह से अब यह दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट में ही एक दूसरे का सामना करती है। आईसीसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान का रिकॉर्ड भारत के आगे काफी खराब रहा है। पाकिस्तान अधिकतर बार इन बड़े टूर्नामेंट में भारत से हार का सामना ही करता है। ऐसा ही कुछ वर्ल्ड कप 2011 के सेमीफाइनल मैच में हुआ था जब भारत ने पाकिस्तान को 29 रनों से मात दी थी।
वर्ल्ड कप 2011 भारत में खेला गया था। इस टूर्नामेंट का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच मोहाली में खेला गया। इस मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट के नुकासन पर 260 रन बनाए। भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने 115 गेंदों पर 85 रनों की लाजवाब पारी खेली जिसके दम पर भारत यह स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा। सचिन के अलावा कोई भी खिलाड़ी अर्धशतक लगाने में कामयाब नहीं रहा।
पाकिस्तान को 300 गेंदों पर 261 रनों की जरूरत थी, लेकिन उन्हें यह लक्ष्य भी आसान नहीं लग रहा था। एक तो यह वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच था और दूसरा सामने भारतीय टीम थी।
261 रनों का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने सधी हुई शुरुआत तो की, लेकिन उनके सभी बल्लेबाज विकेट ना खोने के प्रयास में ज्यादा से ज्यादा गेंद खेल रहे हैं। पाकिस्तान को पहला झटका 9वें ओवर की आखिरी गेंद पर लगा जब पाकिस्तान का स्कोर 44 रन था।
इसके बाद छोटे-छोटे अंतराल में पाकिस्तान के विकेट गिरते रहे और खिलाड़ी विकेट बचाने के प्रयास में गेंदें खेलते रहे। एक समय ऐसा आ गया था जब पाकिस्तान ने 33वें ओवर तक मात्र 144 ही रन बनाए थे और उनके 5 खिलाड़ी प्वेलियन लौट गए थे। पाकिस्तान को आखिरी 17 ओवर में 117 रनों की जरूरत थी।
रनों के इस बोझ के तले पाकिस्तान की पूरी टीम आ गई और वह पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाई। पाकिस्तान की पूरी टीम 49.5 ओवर में 231 रन पर ही सिमट गई। भारत के लिए जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह, सभी ने दो-दो विकेट लिए।
इस तरह मैन ऑफ द मैच रहे सचिन तेंदुलकर की लाजवाब पारी के दम पर भारत यह मैच 29 रनों से जीता और फाइनल में श्रीलंका के साथ प्रवेश किया।