24 सितंबर 2007, ये वो तारीख है जिसे भारतीय क्रिकेट प्रेमी चाह कर भी नहीं भूल सकता। आज ही के दिन 14 साल पहले युवा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 रनों से मात देकर पहला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।
इस जीत के बाद भारतीय फैन्स में खुशी की लहर थी क्योंकि उसी साल भारत वनडे वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बाहर हुआ था, वहीं 1983 के बाद फैन्स ने टीम इंडिया के हाथों कोई बड़ी ट्रॉफी देखी थी।
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साउथ अफ्रीका में खेले गए इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया अंडर डॉग की तरह गई थी। भारत ने इससे पहले 2006 में एक मात्र टी20 मैच खेला था। इस वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने अपना नाम वापस ले लिया था।
युवा खिलाड़ियों से सजी इस टीम में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और इरफान पठान जैसे सीनियर खिलाड़ी ही थे। वहीं महेंद्र सिंह धोनी पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे।
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आखिरी ओवर का रोमांच-
इस मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। टीम इंडिया ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 157 रन का स्कोर खड़ा किया। हालांकि यह स्कोर फाइनल मैच के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता था लेकिन बावजूद इसके टीम इंडिया के गेंदबाज इसको बचाने में सफल रहे थे।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम को भारत ने पहले ही ओवर में झटका दे दिया। इसके बाद लगातार अंतराल पर भारत के गेंदबाज विकेट निकालते रहे, लेकिन इस बीच मिस्बाह उल हक (43) ने अपने पैर जमा लिए थे और ऐसा लगा की वह मैच को भारत से छीन ले जाएगा।
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हालांकि यह धोनी की करिशमाई कप्तानी कहें या फिर दांव उन्होंने पारी की आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को थमा दी। वहीं दूसरी तरफ स्ट्राइक पर सेट हो चुके मिस्बाह उल हक थे। धोनी ने जैसे ही जोंगिदर की तरफ गेंद बढ़ाया उसे देख हर कोई अबाक रह गया था। यह हैरानी वाली बात भी थी क्योंकि टीम में हरभजन सिंह जैसे अनुभवी गेंदबाज के पास स्पेल का एक ओवर बांकी था।
धोनी के इस फैसले पर अंत में सबने हामी भरी और उन्होंने जो दांव खेला वह सही साबित हुआ। जोगिंदर ने 20वें ओवर की शुरुआत वाइड गेंद से की। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में बानने के लिए जो 13 रन मिले उसमें से एक कम हो गया था जबकि गेंद अभी 6 बांकी थे।
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इसके बाद दूसरी गेंद जो वाइड के बदले फेंकी गई, उस पर मिस्बाह रन बनाने से चूक गए। ओवर की दूसरे वैध गेंद पर मिस्बाह ने छक्का जड़ा। इस 6 रन के साथ ही दोनों खेमों में हलचल मच गई थी। डगआउट में बैठे सभी खिलाड़ी और सपोर्टिंग स्टाफ में उत्सुकता चरम पर था।
छक्का खाने के बाद धोनी ने जोंगिदर के साथ एक लंबी चर्चा की और आखिरकार वह अपना रनअप लेते हुए मिस्बाह की तरफ बढ़े। मिस्बाह ने ओवर की तीसरी गेंद पर हवा में स्कूप शॉट खेलकर फाइन लेग की तरफ गेंद को मारा, लेकिन मिस्बाह के इसी शॉट पर पाकिस्तान का मुस्तकबिल तय हो गया था।
फाइन लेग में गेंद जैसे ही हवा में गई सबकी नजरें श्रीसंत पर थी। उम्मीद और डर एक साथ एक पैमाने पर आ गया था। लेकिन श्रीसंत ने जैसे ही मिस्बाह के कैच को अपने हाथों में जकड़ा मानों वह गेंद नहीं, बल्की विश्व कप की ट्रॉफी थी।
देखें आखिरी ओवर का वीडियो-