इंग्लैंड में खेले गए साल 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से भारतीय टीम के लिए कई सारी बुरी यादें जुड़ी हुई हैं। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले भारत को श्रीलंका के खिलाफ भी एक मैच में हार मिली थी। भारतीय टीम टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में कई सारी टीमों को धूल चाटते हुए आगे बढ़ रही थी लेकिन 8 जून 2017 को आज ही के दिन खेले गए मुकाबले में श्रीलंकाई टीम ने भारत के विजयी रथ को रोक दिया।
आज की के दिन श्रीलंकाई टीम ने दूसरी बार वनडे में अपने सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया था। इस मुकाबले में भारतीय टीम को टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला था और ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर ने शानदार शुरुआत की पहले विकेट के लिए दोनों के बीच 138 रनों शतकीय साझेदारी हुई थी।
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हालांकि इस बीच रोहित शर्मा 25वें ओवर में 78 रन बनाकर आउट हो गए। इसके कुछ देर बाद ही भारतीय कप्तान विराट कोहली (00) भी सस्ते में चलते बने लेकिन एक तरफ धवन ने पारी को संभाले रखा। धवन 128 गेंद में टीम इंडिया के लिए 125 रन बनाकर आउट हुए।
वहीं मध्यक्रम में महेंद्र सिंह धोनी ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 63 बनाए। इसके अलावा केदार जाधव ने 25 रनों का योगदान दिया जिसके कारण भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 321 रन बनाने में कामयाब रही।
भारत के द्वारा के द्वार इस विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम का शुरुआत निराशाजनक रहा और भुवनेश्वर कुमार ने ओपनर बल्लेबाज निरोशन डिकवेला महज 7 रनों पर चलता कर दिया।
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हालांकि इसके बाद दानुष्का गुणाथिलका (76) और कुशल मेंडिस (89) ने पारी को संभाला और दोनों के बीच 159 रनों की बेहतरीन साझेदारी हुई। यह दोनों ही बल्लेबाज रन आउट होकर पवेलियन लौटे लेकिन उस दिन मानों श्रीलंकाई बल्लेबाज मैच जीतने का मन बनाकर आए हुए थे।
इन दोनों के आउट होने के बाद श्रीलंका के लिए ऑलारउंडर एंजलो मैथ्यूज क्रिज पर बल्लेबाजी करने आए जिन्होंने 52 रनों की अर्द्धशतकीय पारी खेली। इसके अलावा कुसल परेरा 47 रन बनाकर रिटायर हर्ट हुए थे। वहीं आखिर में असेला गुणारत्ने ने 34 रन बनाकर 8 गेंद शेष रहते हुए श्रीलंका को 7 विकेट से जीत दिला दी।
वनडे में श्रीलंका की दूसरी बार सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की थी। इससे पहले ने उन्होंने साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ 324 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्क पीछा किया था।