लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान की जब भी बात की जाती है तो जहन में एक बार भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली नाम जरूर आता है। इस मैदान पर 19 साल पहले गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कुछ ऐसा कारनामा किया जो हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया।
आज ही के दिन साल 2002 में गांगुली की अगुआई वाली टीम इंडिया ने इंग्लैंड को उसके घर में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में हराया था। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में टीम की यह सबसे बड़ी जीत में से एक मानी जाती है। इसी मैच में सौरव गांगुली ने जीत के बाद लॉर्ड्स स्टेडियम के बालकनी में शर्ट खोलकर लहराया था जो काफी विवादों में रहा।
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इस मुकाबले में भारतीय टीम के सामने मेजबान इंग्लैंड ने 326 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा था लेकिन मध्यक्रम में युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की जोड़ी इंग्लैंड मूंह से जीत को छीन को लिया। टीम इंडिया जब लक्ष्य का पीछा कर रही थी तो एक समय महज 146 रन के स्कोर पर उसने अपने 5 विकेट गंवा दिए थे लेकिन युवी और कैफ की युवा जोड़ी ने 121 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत के मुहाने पर लाकर खड़ा दिया।
युवराज मैच में 69 रनों की मैराथन पारी खेलकर आउट हुए लेकिन कैफ अंत तक क्रिज पर डट रहे। कैफ ने 75 गेंद में नाबाद 87 रनों की पारी खेली जिसके कारण भारत तीन गेंद शेष रहते ही मैच को 2 विकेट से अपने नाम कर लिया।
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टीम इंडिया की इस यादगार जीत को बीसीसीआई ने भी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है।
इस मैच में भारत के लिए कप्तान सौरव गांगुली (60) और वीरेंद्र सहवाग (45) ने पारी की शुरुआत की थी और दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी हुई थी। इसके बाद दिनेश मोंगिया (9), सचिन तेंदुलकर (14) और राहुल द्रविड़ (5) सस्ते में आउट गए। हालांकि युवराज और कैफ के दमदार प्रदर्शन से भारत ने तीन गेंद शेष रहते ही इस मैच को अपने नाम कर लिया।
इससे पहले इंग्लैंड की तरफ से मार्कस ट्रेस्कोथिक (109) और कप्तान नासिर हुसैन (115) की शतकीय पारी की मदद से निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 325 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था।