वेस्टइंडीज के दिग्गज माइकल होल्डिंग ने इंग्लैंड के क्रिकेटर ओली रॉबिन्सन का किशोरावस्था में किये गये नस्लीय ट्वीट के लिये निलंबन को सही करार दिया लेकिन उनका मानना है कि यदि जांच से पता चलता है कि इस तेज गेंदबाज ने बाद में इस तरह के व्यवहार की पुनरावृत्ति नहीं की तो फिर उन्हें दूसरा मौका मिलना चाहिए।
रॉबिन्सन ने 2012 और 2013 में नस्लवाद और लिंगभेद से जुड़े ट्वीट किये थे जो उनके हाल में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने पर सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गये थे। इसके बाद इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया था।
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इस 27 वर्षीय खिलाड़ी का उनके साथियों ने समर्थन किया और कहा कि उन्होंने इस मामले में उन्हें माफ कर दिया है। होल्डिंग ने भी इस मामले में सहानुभूति वाला रवैया अपनाया लेकिन रॉबिन्सन को निलंबित करने के ईसीबी के फैसले को भी सही ठहराया। होल्डिंग ने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, ''यह आठ — नौ साल पुरानी बात है। क्या ईसीबी यह पता लगा सकता है कि उसके बाद भी रॉबिन्सन ने इस तरह का व्यवहार किया था, इस तरह की चीजें कही थी, इस तरह के ट्वीट किये थे।''
उन्होंने कहा, ''यदि उसने नौ साल पहले इस तरह का व्यवहार किया और उसके बाद उसने सीखा है और ऐसा कुछ नहीं किया तथा हाल के वर्षों में अपना रवैया बदला है तो मुझे नहीं लगता कि उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। ''
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पिछले साल अमेरिका में एक श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद होल्डिंग नस्लवाद के खिलाफ मुखर रहे हैं। उन्होंने रॉबिन्सन को निलंबित करने के फैसले को सही बताया।
उन्होंने कहा, '' हां, उसे निलंबित करो क्योंकि आप उसकी जांच करना चाहते हो। आप उसे जांच लंबित रहते हुए उसे खेल जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि जांच में कुछ नयी चीजें सामने आ सकती हैं। लेकिन यह जांच जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। ''