प्रशासकों की समिति के चेयरमैन विनोद राय ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद से मुक्त हुए थे तो उनके बाद इस पद के लिए राहुल द्रविड़ सबसे पहली पसंद थे लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी लेने से इंनकार कर दिया।
विनोद राय ने स्पोर्ट्सकीडा से बात करते हुए कहा, ''अनिल कुंबले का कार्यकाल खत्म होने के बाद हमने राहुल द्रविड़ से बात की थी कि वह टीम इंडिया के कोच बने लेकिन उन्होंने अपने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए पद ग्रहण करने से इंकार कर दिया।''
राय ने कहा, ''द्रविड़ उस दौरान इंडिया ए और अंडर-19 टीम के साथ जुड़े थे और सीनियर टीम के कोच पद को लेकर उनका कहना था कि अगर मैं यह जिम्मेदारी लेता हूं तो मैं अपने परिवार को समय नहीं दे पाऊंगा। मेरे दो छोटे बच्चे हैं और मैं चाहता हूं कि अभी मैं उन्हें अपना पूरा समय दूं। ऐसे में उनका यह फैसला सही था।''
इस दौरान विनोद राय ने बताया कि द्रविड़ इंडिया ए और अंडर-19 टीम के साथ बेहतरीन काम कर रहे थे। उनके नेतृत्व में यह दोनों ही टीमें निखर कर सामने आई। ऐसे में सीनियर टीम के लिए उनसे बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता था। हालांकि उनके मना करने के बाद हमारे पास रवि शास्त्री के रूप में एक मजबूत दावेदार था जो कि टीम के लिए बेहतर कर सकते थे और उन्होंने किया भी।
राय ने कहा, ''साल 2017 में जब अनिल कुंबले का कार्यकाल पूरा हुआ था तो कप्तान विराट कोहली और कुंबले के बीच मतभेद की काफी खबरें सामने आई थी। इसके अलावा कुंबले ने भी दोबारा इस पद को संभालने से इंकार कर दिया था। ऐसे में कुंबले और द्रविड़ के बाद रवि शास्त्री ही हमारे पास आखिरी विकल्प था। यह हमारे लिए शानदार था यह तीनों ही खिलाड़ी कोच पद के लिए सबसे सही उम्मीदवार थे।''
आपको बता दें कि द्रविड़ पिछले साल नेशनल क्रिकेट एकेडमी का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस बातचीत के दौरान राय ने बताया कि द्रविड़ ने सीनियर टीम के कोच बनने से कहीं अधिक एनसीए के प्रमुख बनकर खुश हुए। जब उन्हें इस जिम्मेदारी के बारे में बताया गया तो उन्होंने फौरन और खुशी-खुशी इसे स्वीकार कर लिया।