BCCI के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा है है कि BCCI की खिलाड़ियों या कर्मचारियों पर वेतन में कटौती की कोई योजना नहीं है और न ही वह COVID-19 के कारण पैदा हुए आर्थिक मंदी के इस दौर में लोगों की छंटनी करने जा रहा है।
एक तरफ जहां क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड क्रिकेट, क्रिकेट वेस्टइंडीज और इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर चुका है। वहीं, दूसरी तरफ बीसीसीआई का जोर यथासंभव स्थिति बनाए रखने पर हैं।
धूमल ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “बीसीसीआई ने पिछले अक्टूबर में निर्वाचित पदाधिकारियों के कार्यभार संभालने के बाद से कुछ लागत नियंत्रण किया है। ये प्रक्रिया कोरोना महामारी से पहले शुरू हुई थी। लेकिन अब तक वेतन में कोई कटौती नहीं की गई है। हमने यात्रा, हॉस्पिटेलिटी आदि जैसे चीजों की लागत में कटौती की है।"
धूमल का ये बयान बोर्ड के अधिकांश कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है। हालाँकि, धूमल ने बताया कि अगर इस साल आईपीएल नहीं हुआ, तो बोर्ड को कुछ बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। माना जा रहा है कि आईपीएल न होने कि स्थिति में बीसीसीआई को लगभग 4000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि अनिश्चित काल के लिए स्थगित चल रहे आईपीएल लेकर अभी तक बोर्ड की तरफ से कोई ताजा जानकारी नहीं आई है। हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर इस T20 विश्व कप नहीं होता है तो उसकी जगह अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल का आयोजन कराया जा सकता है।
इस पर धूमिल ने कहा, "अगर ऐसा होता है, तो बीसीसीआई आईपीएल को टी 20 विश्व कप के की जगह कराए जाने पर विचार कर सकता है। आईपीएल नहीं होने से बहुत बड़ा असर पड़ेगा और हम फिर नए सिरे से स्थिति का आकलन करेंगे।"