भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए चौथे वनडे मैच में टीम इंडिया को गेंदों के बचे रहने के हिसाब से अब तक की सबसे बड़ी हार मिली। भारत ने न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए महज 93 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे मेजबान टीम ने 14.4 ओवरों में 2 विकेट खोकर ही हासिल कर लिया। इस तरह न्यूजीलैंड ने भारत को 212 गेंद शेष रहते मुकाबला हरा दिया जो कि भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा गेंदें बचते हुए जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड है। इससे पहले ये रिकॉर्ड श्रीलंका के नाम था। श्रीलंका ने साल 2010 में दांबुला में 209 गेंद शेष रहते मैच जीता था और कीवी टीम ने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। आपको बता दें कि रोहिच शर्मा के करियर का ये 200वां वनडे मैच था और वो इस मैच में भारत की कप्तानी भी कर रहे थे। लेकिन वो इस मौके को और ज्यादा यादगार नहीं बना सके।
भारत इस मैच में सिर्फ 92 रनों पर सिमट गया था और न्यूजीलैंड के खिलाफ ये उसका दूसरा सबसे कम स्कोर है। न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2010 में भारत 88 रनों पर ऑल आउट हो गया था जो कि कीवियों के खिलाफ टीम का सबसे कम के स्कोर पर सिमटने का रिकॉर्ड है।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही और शिखर धवन (13) पहले विकेट के रूप में पवेलियन लौट गए। पहला विकेट गिरने के बाद ट्रेंट बोल्ट ने उग्र रूप धारण कर लिया और उन्होंने विकेटों की झड़ी लगा दी। बोल्ट ने भारतीय टॉप ऑर्डर को बिखेरकर रख दिया और लगातार 10 ओवर फेंके। इस दौरान उन्होंने 5 विकेट भी झटक लिए।
टीम इंडिया की तरफ से सबसे ज्यादा रन युजवेंद्र चहल (18) ने बनाए। वहीं, हार्दिक पंड्या ने (16), कुलदीप यादव ने (15), शिखर धवन ने (13) रनों की पारी खेली। भारत की खराब बल्लेबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत के 7 खिलाड़ी दोहरे अंक को भी नहीं छू सके।
जवाब में 93 रनों के छोटे लक्ष्य का पीछे करने उतरी कीवी टीम के बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल ने तेज शुरुआत दिलाने की कोशिश की। लेकिन भुवनेश्वर ने उन्हें पहले ही ओवर में पवेलियन की राह दिखा दी। इसके बाद विलिमसन भी सस्ते में आउट हो गए और लगा कि शायद भारत मैच में कुछ कमाल कर सकता है। लेकिन निकोल्स और टेलर ने चमत्कार की संभावनाओं पर पानी फेर दिया और कीवियों ने वनडे सीरीज की अपनी पहली लेकिन धमाकेदार जीत हासिल कर ली।