आकलैंड। भारतीय तेज गेंदबाज नवदीप सैनी शनिवार को यहां दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में महत्वपूर्ण मौके पर आउट होने से काफी निराश हैं जिसके कारण टीम ने श्रृंखला गंवा दी। भारत को जीत के लिये 274 रन का लक्ष्य मिला और सैनी ने आठवें विकेट के लिये रविंद्र जडेजा के साथ 76 रन की भागीदारी निभायी लेकिन उनके आउट होने से टीम की उम्मीद टूट गयी। सैनी ने काइल जैमीसन पर छक्का जड़ा लेकिन अगली ही गेंद पर बोल्ड हो गये। कप्तान विराट कोहली भी उनके छक्का जड़ने के बाद सैनी को शांत रहने का इशारा करते दिखे।
सैनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘जब मैं जाकर वीडियो देखूंग तो मुझे पछतावा होगा। अगर मैं आउट नहीं होता तो शायद नतीजा अलग हो सकता था। मुझे पछतावा होगा कि मैं इतने करीब पहुंच गया और शायद थोड़ा और करीब पहुंच गया होता। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता कि विकेट सपाट था और अगर हम अंत तक रहते तो मैच करीबी हो सकता था। इसलिये हम जितना संभव हो, योगदान देने की कोशिश कर रहे थे और मैच को अंत तक ले जाने के प्रयास में थे। जडेजा ने मुझे कहा कि अगर तुम्हें बाउंड्री लगाने के लिये गेंद मिलती है तो ऐसा करना। वर्ना एक या दो रन लेते रहना और संयमित बने रहो, हम मैच केा अंत तक ले जा सकते हैं। ’’
सैनी ने मैच से पहले नेट पर काफी बल्लेबाजी अभ्यास किया था और इसका उन्हें फायदा हुआ। उन्होंने 49 गेंद में 45 रन की पारी खेली जिसमें पांच चौके और दो छक्के जड़े थे। इस तेज गेंदबाज ने कहा कि निचले क्रम के लिये टीम की जरूरत के समय रन जुटाने में योगदान करना अहम है।
सैनी ने कहा, ‘‘यह अच्छी चीज है कि निचला क्रम इस तरह खेल रहा है। अगर हर कोई प्रदर्शन करता है तो इसे टीम प्रयास कहा जाता है। अगर बल्लेबाज रन नहीं जुटा पाते तो गेंदबाजों को अच्छा करना चाहिए। अगर गेंदबाज विकेट नहीं चटका रहे तो क्षेत्ररक्षकों को मदद करनी चाहिए। आखिर में यह टीम है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोच रहा था कि मुझे लंबे समय बाद बल्लेबाजी का मौका मिल रहा है। जैसे ही मैंने बाउंड्री लगायी, मैं हैरान हो गया कि गेंद अच्छी तरह बल्ले पर आ रही थी। ’’