इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन का मानना है कि जो रूट की अगुवाई वाली टीम को अगर बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में अनुकूल परिणाम हासिल करना है तो उसे भारतीय पिचों की स्थिति का रोना रोने के बजाय अपने स्पिन विभाग के निरंतरता के अभाव को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। हुसैन ने कहा कि डॉम बेस का लेंथ को बरकरार नहीं रख पाना इंग्लैंड के लिये सबसे बड़ा मुद्दा है।
भारत ने मंगलवार को दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 317 रन से करारी शिकस्त देकर चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की। हुसैन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘इंग्लैंड को पिच, टॉस, डीआरएस, अंपायर या इस तरह की किसी भी चीज का रोना रोने के बजाय उन विभागों में सुधार करना चाहिए जिनमें वह कमतर नजर आया। मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे। ’’
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उन्होंने कहा, ‘‘भले ही उन्हें विकेट मिलते रहे लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा स्पिन विभाग में निरंतरता का अभाव रहा। यह केवल इस टेस्ट मैच की बात नहीं है। अगर आप श्रीलंका दौरे पर ध्यान दो तो जैक लीच और डॉम बेस ने विकेट लिये लेकिन विशेषकर बेस की लेंथ में निरंतरता का अभाव रहा।’’
हुसैन ने कहा कि भारतीय स्पिनरों ने इंग्लैंड के स्पिनरों की तुलना में बेहतर गेंदबाजी की तथा अनुभवी मोईन अली का भी अपनी गेंदों पर नियंत्रण नहीं था हालांकि वह 2019 में एशेज के बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘अली ने आठ विकेट (दूसरे टेस्ट में) लिये और उसने कुछ बेहतरीन गेंद की जैसे कि वह गेंद जिस पर उसने पहली पारी में विराट कोहली का विकेट लिया और उन्हें मैच में दो बार आउट किया लेकिन मोईन ने स्वयं स्वीकार किया कि पहली पारी में उनका अपनी गेंदों पर पर्याप्त नियंत्रण था तथा आप स्पिनरों के लिये मददगार पिच पर 128 पर चार विकेट का प्रदर्शन नहीं चाहते थे। ’’
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हुसैन ने कहा, ‘‘अगर आप तुलना करो तो भारत के दो स्पिनरों ने कैसे गेंदबाजी तो उन्होंने कुछ जादुई नहीं किया बल्कि उनका अपनी गेंदों पर नियंत्रण रहा। अगर आप मुझसे इंग्लैंड की हार का मुख्य कारण पूछोगे तो मैं कहूंगा कि देखिये भारत के दो स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल ने कैसी गेंदबाजी की। इंग्लैंड के स्पिनरों की तुलना में उन्होंने अधिक निरंतरता दिखायी। ’’