नयी दिल्ली: मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद युवा क्रिकेटर ऋषभ पंत की बल्लेबाजी से प्रभावित हैं लेकिन उन्हें लगता है कि इस खिलाड़ी को विकेटकीपिंग में बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए। 20 साल के रिषभ ओवल टेस्ट के दौरान इंग्लैंड में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने लेकिन वह जिन तीन टेस्ट में खेले, उनमें स्टंप के पीछे का प्रदर्शन इतना प्रभावशाली नहीं रहा।
प्रसाद ने कहा,‘‘रिषभ ने इंग्लैंड में पिछले टेस्ट में जिस तरह से बल्लेबाजी की, मैं उससे बहुत खुश हूं। बल्कि हमें उसकी बल्लेबाजी क्षमता पर कोई शक नहीं था। मेरी चिंतिा सिर्फ उसकी विकेटकीपिंग को लेकर है।’’
हालांकि पूर्व भारतीय विकेटकीपर चाहते हैं कि रिषभ के लिये एक ट्रेनिंग कार्यक्रम बनाया जाये जिसमें वह विशेषज्ञ विकेटकीपिंग कोच के मार्गदर्शन में अपने हुनर को निखारें।
उन्होंने कहा,‘‘अब उसे (पंत) को तीन टेस्ट मैचों में खेलने का अनुभव हो गया है, उसे उन क्षेत्रों पर ध्यान लगाना चाहिए जिसमें सुधार की जरूरत है। हम उसे कुछ समय के लिये विकेटकीपिंग विशेषज्ञ कोच के मार्गदर्शन में अभ्यास कराने की भी कोशिश करेंगे। रिषभ के अलावा हमने भविष्य के लिये कुछ विकेटकीपरों को तलाशा है जिन्हें भी विशेषज्ञ कोच के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग दिये जाने की जरूरत है। मैं उम्मीद करूंगा कि रिषभ भारतीय टीम के लंबे समय तक सेवा करे।’’
लोकेश राहुल के 149 रन को छोड़ दें तो पूरी सीरीज में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक था। लेकिन प्रसाद ने कहा कि इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों को भी परेशानी हुई।
उन्होंने कहा,‘‘हां, निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है। अगर आप देखें तो जब भी हमें अच्छी शुरूआत मिली, हमने उस टेस्ट मैच में जीत दर्ज की। दोनों टीमों के सलामी बल्लेबाज मुश्किल परिस्थितियों के कारण इस सीरीज में जूझते नजर आये।’’
उन्होंने कहा,‘‘160 टेस्ट खेलने के बाद भी एलिस्टर कुक जैसी काबिलियत वाला खिलाड़ी पूरी सीरीज में विफल रहा, सिर्फ वह अंतिम टेस्ट में चला। अपने साक्षात्कार में कुक ने साफ कहा है कि अपने करियर में वह जितने मुश्किल हालात में खेले हैं, यह उनमें से एक थे।’’
प्रसाद ने कहा,‘‘इसलिये हमें अपने खिलाड़ियों के बारे में थोड़ा नरम होना चाहिए।’’