नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष बांग्लादेश के मुस्तफा कमाल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। कमाल विश्व कप ट्रॉफी प्रदान करने का मौका आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन को दिए जाने से नाराज थे। बांग्लादेश की समाचार वेबसाइट 'बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' की एक रपट के अनुसार, एक संवाददाता सम्मेलन में कमाल ने कहा कि वह आईसीसी नियमों के उल्लंघन के विरोध में अपना इस्तीफा दे रहे हैं। कमाल के मुताबिक यह उनका आखिरी फैसला है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि रविवार को विश्व कप फाइनल के बाद आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन ने विश्व कप ट्रॉफी विजेता टीम आस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लर्का को प्रदान की थी।
कमाल के अनुसार, यह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन है। पूर्व में भी उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए इसे अपने अधिकारों का हनन बताया था।
कमाल ने पत्रकारों से कहा कि आईसीसी की नियमावली की धारा 3.3 के अनुसार केवल अध्यक्ष को ही विश्व कप फाइनल जैसे मुकाबलों में ट्रॉफी प्रदान करने का हक है।
कमाल ने कहा, "नियमों के अनुसार मुझे 29 मार्च को मेलबर्न में विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान करना चाहिए था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। अब मैं आपसे एक पूर्व अध्यक्ष के रूप में बात कर रहा हूं। मैं ऐसे लोगों के साथ काम नहीं कर सकता जो नियमों का उल्लंघन करते हैं।"
आईसीसी के नियमों में जनवरी में हुए बदलाव के अनुसार विश्व कप ट्रॉफी अध्यक्ष द्वारा प्रदान की जानी चाहिए।
आस्ट्रेलिया मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर खेले गए फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर पांचवीं बार विश्व खिताब जीतने में कामयाब रहा।
ऐसा माना जा रहा है कि कमाल द्वारा भारत-बांग्लादेश के बीच हुए मैच में अंपायरों के फैसलों की आलोचना करने से पैदा हुए विवाद का श्रीनिवासन ने फायदा उठाया और ट्रॉफी प्रदान करने के लिए आईसीसी के अन्य सदस्यों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे।
पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कमाल वहां मौजूद नहीं थे।
कमाल ने दो दिन पहले ही आईसीसी में चल रही 'शरारतों' को उजागर करने की चेतावनी भी दी है।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने भी भारत-बांग्लादेश के बीच हुए विश्व कप के क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान हुई विवादित अंपायरिंग की शिकायत आधिकारिक तौर पर मंगलवार को आईसीसी से दर्ज कराई।
बीसीबी के मुख्य कार्यकारी निजामुद्दीन चौधरी ने मंगलवार को बताया कि बोर्ड 19 मार्च को हुए इस मैच में विवादित अंपायरिंग से संबंधित शिकायत दर्ज करा चुका है।