महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का मानना है कि श्रीलंका की मौजूदा क्रिकेट टीम पिछले कुछ सालों में भूल गई है कि जीत कैसे दर्ज की जाती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश में इस समय खेल मुश्किल हालात से गुजर रहा है। श्रीलंका की टीम नए कप्तान दासुन शनाका की अगुआई में मंगलवार को भारत के खिलाफ नौ विकेट पर 275 रन के स्कोर का बचाव करने में विफल रही।
भारत ने सात विकेट पर 193 रन गंवाने के बावजूद तीन विकेट और पांच गेंद शेष रहते जीत दर्ज की। मुरलीधरन ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘मैंने पहले भी आपसे कहा है, श्रीलंका की टीम जीतने का तरीका भूल गई है, पिछले इतने सालों में वे भूल गए हैं कि जीत कैसे दर्ज की जाती है। यह उनके लिए मुश्किल समय है क्योंकि उन्हें नहीं पता कि जीत कैसे हासिल की जाती है।’’
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लेग स्पिनर वानिंदु हसारंगा ने तीन विकेट चटकाए जिससे 35.1 ओवर में भारत का स्कोर सात विकेट पर 193 रन हो गया था लेकिन शनाका ने अंतिम ओवरों के गेंदबाजी के लिए अपने ओवर बचाकर बड़ी गलती की।
मुरलीधरन ने कहा, ‘‘मैंने आपसे पहले ही कहा था कि अगर श्रीलंका 10-15 ओवर में तीन विकेट चटका लेता है तो भारत को जूझना पड़ेगा और असल में भारत को जूझना पड़ा। दीपक चाहर और भुवनेश्वर कुमार के शानदार प्रयासों से वे जीत दर्ज कर पाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही उन्होंने (श्रीलंका) ने कुछ गलतियां की। उन्हें वानिंदु हसारंगा के ओवर बचाकर नहीं रखने चाहिए थे और उनसे पहले ही गेंदबाजी करानी चाहिए थी। उसे गेंदबाजी कराके विकेट हासिल करने का प्रयास करना चाहिए था।’’
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इस पूर्व दिग्गज स्पिनर ने कहा, ‘‘अगर वे भुवनेश्वर और चाहर में से एक विकेट हासिल कर लेते तो निचले क्रम के दो बल्लेबाजों के बचे होने से प्रति ओवर आठ से नौ रन बनाना मुश्किल होता। उन्होंने गलती की लेकिन यह एक अनुभवहीन टीम है। ’’
श्रीलंका के कोच मिकी आर्थर को खेल के अंतिम लम्हों में हताशा में इशारे करते हुए देखा गया लेकिन मुरलीधरन ने कहा कि कोच को धैर्य रखना चाहिए था और अपना संदेश नए कप्तान तक पहुंचाना चाहिए था।