किसी भी टीम के लिए सिलेक्टर एक अहम भूमिका निभाते हैं। वह अपने देश के हर उस खिलाड़ी पर नजर रखते हैं जो घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक अच्छा परफॉर्म कर रहा होता है। उनके इस परफॉर्मेंस पर ही सिलेक्टर उनके अंतरराष्ट्रीय टीम में चुनते हैं। लेकिन कई बार सिलेक्टर कुछ ऐसे फैसले लेते हैं जिसकी वजह से उनकी खूब आलोचना होती है। यह ऐसे फैसले हैं जो सिलेक्टर के लिए भी काफी कठिन होते हैं, लेकिन टीम हित के लिए उन्हें इस फैसलों पर अमल करना होता है।
हाल ही में भारतीय पूर्व सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने अपने कार्यकाल के दौरान लिए तीन सबसे मुश्किल फैसलों के बारे में बताया है। इन फैसलों में रायुडू को 2019 वर्ल्ड कप में ना चुनने से लेकर अश्विन और जडेजा को टीम से बाहर करने तक के फैसले शामिल हैं।
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स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए एक इंटरव्यू में प्रसाद ने सबसे पहले करुए नायर के बारे में बात की जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक तो बनाया, लेकिन उसके बाद टीम में उन्हें प्रयाप्त मौके नहीं मिले।
प्रसाद ने इस खिलाड़ी के बारे में बात करते हुए कहा 'करुण नायर ने तिहरा शतक लगाया था। इसके बाद वह तीन चार टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इसके बाद अगले एक साल तक भारत ए के अगले एक-दो दौरों पर भी वह असफल रहे। इसके बाद भी हमने उन्हें 2018 में इंग्लैंड दौरे पर भेजा लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। 2018-19 का उनका रणजी सीजन भी अच्छा नहीं रहा। इसी वजह से वह दौड़ में पिछड़ गए।'
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इसके बाद प्रसाद ने अंबाति रायुडू को वर्ल्ड कप 2019 में ना चुनना अपना सबसे मुश्किल फैसलों में से एक बताया। बता दें, टीम इंडिया काफी लंबे समय से रायुडू को नंबर 4 की पोजिशन के लिए तैयार कर रही थी, लेकिन वर्ल्ड कप टीम में उन्हें जगह नहीं मिली। चयनकर्ताओं ने उनकी जगह 3डी प्लेयर विजय शंकर को जगह दी थी।
प्रसाद ने अपने इस फैसले के बारे में कहा मुझे लगता है कि हमने रायुडू को इस पोजीशन (नंबर चार) के लिए तैयार किया था और आखिर में उनके स्थान पर भेजा गया। इससे मुझे भी थोड़ा दुख हुआ। लेकिन इसके पीछे एक कारण था... इसमें कोई भी निजी नहीं था। सब कुछ टीम और टीम के हित में लिया गया फैसला था।'
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अंत में प्रसाद ने आर अश्विन और रविंद्र जडेजा को टीम से बाहर करने के फैसले पर बात की। 2017 में जब इन दोनों खिलाड़ियों को टीम से बाहर किया गया था तब यह दोनों ही गेंदबाज अच्छी फॉर्म में चल रहे थे, लेकिन तभी चयनकर्ताओं ने इन दोनों गेंदबाजों को आराम देने का फैसला किया और इनकी जगह टीम में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की एंट्री हुई। इन दोनों गेंदबाजों ने अपनी फिरकी से ऐसा धमाल मचाया कि दोनों ही गेंदबाजों की जगह टीम में पक्की हो गई।
प्रसाद ने अपने इस फैसले के बारे में कहा 'चैंपियंस ट्रोफी के बाद हमने अश्विन और जडेजा को ब्रेक देने का फैसला किया। हमने सोचा कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को मौका दिया और उन दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया। उस समय अश्विन और जडेजा आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 और नंबर की पायदान पर थे। हम उनके साथ ही आगे बढ़ने का विचार कर रहे थे। यह विश्व कप से पहले एक तैयारी के तौर पर आजमाया गया था।'