पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट टीम पूरी तरह से बदल गया है। इन दौरान क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया ने अपनी बादशाहत कायम की है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह रहा है कि समय-समय पर भारतीय टीम टीम का नेतृत्व एक काबिल हाथों में रहा। नई पिढ़ी में इसकी शुरुआत मोहम्मद अजहरुउद्दीन से हुई जिसके बाद सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा ने इस आगे बढ़ाने का काम किया।
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पिछले 10 सालों में धोनी और कोहली के अलावा कई मौके पर रोहित ने भी टीम इंडिया की कमान संभाली है। रोहित अपनी कप्तानी में भारत को निदहास ट्रॉफी जीता चुके हैं। इसके अलावा वे इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं।
नए दौर के इन तीनों ही कप्तानों के लेकर बीसीसीआई पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने एक बड़ा अंतर बताया और यह तीनों ही खिलाड़ी सबसे अधिक प्रसाद के कार्यकाल में भारतीय टीम के लिए खेले हैं।
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प्रसाद ने एक इंटरव्यू में कहा, ''अगर आप तीनों की कप्तानी के आधार को देखेंगे तो इसमें काफी अंतर है। तीनों की कप्तानी करने का तरीका एक दूसरे से अलग है लेकिन तीनों बेहतरीन है।''
उन्होंने कहा, ''यह तीनों खिलाड़ी अपने ही अंदाज में कप्तानी करते हैं। माही हमेशा शांत रहते हैं आप कभी नहीं जान पाएंगे कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। वहीं विराट पूरी तरह से अपने निर्णय को लेकर साफ रहते हैं वह मैदान पर क्या सोचते हैं। उनकी क्या योजना रहती है यह पूरी तरह से निर्धारित रहती है।''
वहीं रोहित की कप्तानी पर प्रसाद ने कहा, ''रोहित धोनी की तरह खिलाड़ियों के प्रति उदार रहते हैं। वह गेंदबाजों को अपने हिसाब फील्डिंग निर्धारित करने की आजादी देते हैं। वह अपनी रणनीति के साथ-साथ मैदान पर बाकी खिलाड़ी क्या सोच रहे हैं उनका भी राय लेते हैं।''