किसी भी खेल के प्रति एक खिलाड़ी का ईमानदार होना मैदान में लोगों का दिल जीत लेता है। हर एक खेल में खिलाड़ी के सिर्फ प्रदर्शन ही नहीं बल्कि उसकी खेल के प्रति भावना कैसी है इस पर भी लोगों की निगाहें होती है। जिसे हम खेल भावना कहते हैं। खिलाड़ी अक्सर मैदान में कभी - कभी जीत के लिए अपनी खेल भावना भूल जाते हैं और कुछ गलत कर बैठते हैं। जिससे वो फैंस की नजरों में गिर जाते हैं। इस तरह लोग उस खिलाड़ी को हमेशा अधिक प्यार देते हैं जो खेल के दौरान ईमानदारी का बेजोड़ नमूना पेश करता है।
यही कारण हैं कि आईसीसी ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को पिछले एक दशक में ईमानदारी से क्रिकेट खेलने के कारण दशक का सबसे ईमानदार खिलाड़ी चुना है। उन्हें स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट के अवार्ड से आईसीसी ने नवाजा है। जिन्होंने खेल भावना के भीतर रहते हुए क्रिकेट में कई मुकाम हासिल किये।
इतना ही नहीं आईसीसी ने धोनी के खेल भावना की एक घटना को भी शेयर किया है। जिसमें लिखा है कि धोनी ने साल 2011 में नॉटिंघम टेस्ट के दौरान इयान बेल को गलत तरीके से रन आउट दिए जाने के बाद उन्हें खेलने के लिए बुला लिया था। जिस घटना को फैंस ने काफी सराहा है।
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बता दें कि साल 2019 में आईसीसी विश्वकप के सेमीफाइनल मैच के दौरान रन आउट होने के बाद धोनी टीम इद्निया की जर्सी पहनकर दोबारा मैदान में खेलते नहीं दिखाई दीए। इसके बाद उन्होंने इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के ख़ास मौके पर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया गया था। जिसके बाद धोनी आईपीएल 2020 में खेलते नजर आए थे। इतना ही नहीं भारत को आईसीसी के तीनों टूर्नामेंट ( 2007 टी20 विश्वकप, 50 ओवर विश्वकप और चैम्पियंस ट्राफी 2013 ) जिताने वाले एक मात्र कप्तान हैं। भारत के लिए ऐसा कारनामा आज तक कोई कप्तान नहीं कर सका है।
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