नई दिल्ली: दुनिया के सामने भारत और श्रीलंका के बीच मुकाबला चल रहा है लेकिन लंका की जंग सिर्फ एक खिलाड़ी से है, जिसके बल्ले की धार गेंदबाज़ों की हर रणनीति काट देती है। जो कप्तान नहीं होते हुए भी लंका के खिलाफ चक्रव्यूह रचता है।
जिसके हाथों की रफ्तार बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने नहीं देती। धोनी के त्रिमूर्ति अवतार का श्रीलंका के पास कोई तोड़ नहीं है। इस साल श्रीलंका के खिलाफ धोनी ने 2 टी-20 खेले। दोनों टी-20 में वो नाबाद रहे और 173.91 की स्ट्राइक रेट से 40 रन बनाए।
क्या टी-20 और क्या वनडे... धोनी नाम की सुनामी को रोकना लंका के बस में नहीं है। इस साल धोनी ने लंका के खिलाफ 9 वनडे खेले हैं। जिसमें 99 की औसत से 297 रन जड़े। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक भी निकले।
कटक में धोनी का रौद्र रुप आज भी लंका के पैर कांप रहे होंगे क्योंकि धोनी जितना खतरनाक बल्ले के साथ हैं उससे ज्यादा घातक स्टंप के पीछे हैं। श्रीलंका के खिलाफ 2 टी-20 में विकेटकीपर धोनी ने 5 खिलाड़ियों को आउट किया है। जिसमें 2 कैच पकड़े और 3 स्टंपिंग की। वहीं 9 वनडे में 14 लंकाई बल्लेबाज़ों को वापस भेजा। जिसमें 9 कैच और 5 स्टंपिंग है।
आंकड़े खुद बाहुबली की वीरगाथा सुना रहे हैं। इन आंकड़ों पर चार चांद लगने वाले हैं क्योंकि धोनी को मिल गया है 4 का साथ। टी-20 में नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करते हुए धोनी ने 11 पारी में 244 रन बनाए हैं। वो 61 के औसत और 151.55 की स्ट्रा.रेट से।
धोनी सिर्फ जीत के लिए जरूरी नहीं है बल्कि चहल और कुलदीप के लिए वो द्रोणाचार्य से कम नहीं है।