भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मेंटॉर देवल सहाय दो अस्पतालों में 40 दिन बिताने के बाद शुक्रवार को घर लौट आए। देवल सहाय को रांची के एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था जहां उनका COVID-19 सहित कई बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।
73 वर्षीय देवल सहाय ने धोनी के शुरुआती करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने धोनी को रांची में खेलने के लिए सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) में टर्फ पिच की सुविधा मुहैया कराई थी। देवल को पहले जगन्नाथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वहां COVID-19 पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें मेडिका स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
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सहाय की पत्नी मीना ने रांची से आईएएनएस को बताया, "वह घर लौट आये हैं, लेकिन बहुत कमजोर हैं। उन्हें अपनी ताकत और सब कुछ वापस हासिल करना है। भगवान की कृपा से वह अच्छा महसूस कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि देवल सहाय ने धोनी के करियर को बनाने में अहम रोल निभाया है। 1997-98 में सेंट्रल कोलफील्डस लिमिटेड (सीसीएल) के निदेशक के तौर पर युवा धोनी को स्टाइपेंड पर रखा था और उनकी प्रतिभा का जरूरी समर्थन दिया था। उस समय टर्फ पिचें रांची में काफी कम होती थीं लेकिन सीसीएल में धोनी को टर्फ पिचों पर खेलने का मौका मिला।
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