एक और खिताब...एम एस धोनी में कुछ तो है खास... बिजली जैसी रफ्तार... धोनी के सामने सावधानी हटी यानि बल्लेबाज़ों के साथ दुर्घटना घटी। हर वक्त मैदान पर भारतीय क्रिकेट का अन्ना चौकन्ना रहता है लेकिन क्या धोनी के बाद मैदान पर आई नई पीढ़ी भी उनके पद चिन्हों पर चल रही है, तो इसका जवाब है नहीं।
साल 2004 में करियर शुरू करने वाले धोनी की चोट का ग्राफ बेहद कम है। जबकि नए खिलाड़ी चोटिल होते रहते हैं। जिम में ट्रेनिंग के लिए मशहूर विराट कोहली हो... या फिर हिटमैन यानी रोहित शर्मा.... आईपीएल के बाद खुद को अनफिट कहलाने से नहीं रोक पाए। आप नई पीढ़ी खिलाड़ियों जैसे ऋद्धिमान साहा और लोकेश राहुल की चोट की खबरें अक्सर सुन सकते हैं।
इन सबकी तुलना में जिम में कभी कभार दिखने वाले धोनी हमेशा की तरह फिट रहते हैं लगभग 37 साल के धोनी की कमर में भी आईपीएल के दौरान दर्द हुआ तस्वीरें टीवी स्क्रीन पर हर किसी ने देखी। धोनी ने खुद बात भी मानी लेकिन पूरे आईपीएल में ना सिर्फ धोनी खेले, बल्कि क्या खूब खेले।
धोनी ने इस आईपीएल में खेली 15 पारियों में 150.66 के स्ट्राइक रेट से 455 रन बनाए। इस आईपीएल में धोनी ने 24 चौके और 30 छक्के लगाए। इस सीजन में सबसे ज्यादा बैटिंग औसत 75.83 भी धोनी का रहा। 15 पारियों में धोनी 9 बार नॉटआउट रहे तो 108 मीटर का दूसरा सबसे लंबा छक्का भी धोनी ने ही लगाया।
बड़े शॉट्स लगाने के लिए ताकत चाहिए होती है। जो की आज भी देसी अंदाज में कसरत करने वाले धोनी के पास है। जिस टीम से धोनी खेलते हैं, वो छा जाते हैं। यो-यो टेस्ट के इस दौर में भी धोनी फिट हैं। जो कि फिटनेस को अपना जीवन बना लेने वाले क्रिकेटर्स के लिए एक सीख है। कहीं ज्यादा फिटनेस की सोच भी भारतीय क्रिकेटर्स का करियर छोटा तो नहीं कर रही है। इसी बात का डर है।