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माही के धमाल से भारत विश्व कप में करेगा कमाल!

एम एस धोनी के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती है।

Written by: Bhanu Prakash
Published on: January 19, 2019 16:23 IST
Ms Dhoni and Virat Kohli- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Ms Dhoni and Virat Kohli

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज में एक बार फिर से अपना दम दिखाया है। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में तीन वनडे मैचों में धमाकेदार बल्लेबाजी की। उन्होंने तीन एकदिवसीय मैच में 193 रन बनाए। माही ने पहले वन डे में 51 रन की पारी खेली, दूसरे और तीसरे वनडे में 55* और 87* रनों की नाबाद पारी खेली। धोनी का औसत भी 193 का रहा। एम एस के शानदार प्रदर्शन की वजह से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से हराया और वनडे सीरीज में इतिहास रच दिया।

दरअसल, धोनी की बल्लेबाजी को लेकर हाल के दिनों में काफी चर्चा हो रही थी। क्रिकेट के दिग्गज ये मानने लगे थे कि एम एस धोनी की बल्लेबाजी पर उनकी उम्र हावी हो रही है। फुटवर्क और रिफ्लैक्शन स्लो हो गया है। लेकिन महेन्द्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर साबित कर दिया कि वो समय के साथ टीम इंडिया के सबसे काबिल और भरोसेमंद प्लेयर हैं। हर कठिन परिस्थिति में टीम को उबारने का माद्दा रखते हैं। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में तीनों मैच में कठिन हालात में टीम को उबारा और मैन ऑफ द सीरीज चुने गए।

इससे पहले वो अक्टूबर 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। ये सीरीज भारतीय मैदानों में खेली गई थी लेकिन इस बार महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला ऑस्ट्रेलिया में बोला और जमकर बोला। तीनों वनडे में जब भी टीम इंडिया पर संकट के बादल मंडराते दिखे माही ने टीम को कठिन चुनौतियों से उबारा। भले ही पहले वनडे में टीम इंडिया को हार मिली लेकिन वहां भी धोनी ने 96 गेंद खेलकर 51 रन बनाए। दरअसल ऑस्ट्रेलिया के पूरे दौरे में भारत की परेशानी का सबब रहे ओपनर। ऐसे में टीम को अच्छी शुरुआत ना मिलने से दारोमदार मीडिल ऑर्डर पर आ जाता था।

टेस्ट में पुजारा ने तो वनडे सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी ने बड़ी ही खूबसूरती के साथ टीम को विषम परिस्थितियों से उबारा। दूसरे वनडे में धोनी ने कप्तान कोहली और दिनेश कार्तिक के साथ अच्छी पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। वहीं, आखिरी वनडे में कोहली के आउट होते ही टीम इंडिया पर दबाव बढ़ गया लेकिन धोनी और केदार जाधव ने संभलकर खेलते हुए भारत की नैया को पार लगाया और इतिहास रच दिया।

धोनी की पारी में विश्वास और दम दिखा और केदार जाधव भी टीम के भरोसे पर खरे उतरे। दोनों ने अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया के मीडिल ऑर्डर के सिरदर्द को कम कर दिया है। अगर न्यूजीलैंड के दौरे में दोनों का बल्ला ऐसे ही चमका तो वर्ल्ड कप में कोहली के लिए राह आसान हो जाएगी।

वैसे तो धोनी ने इस सीरीज में अपने बल्ले से कई कमाल दिखालाए। मेलबर्न में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए धोनी सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए उनकी उम्र 37 साल 195 दिन थी इससे पहले सुनील गावस्कर 37 साल 191 दिन में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। इतना ही नहीं धोनी 112 मौकों पर सफल चेज के दौरान टीम का हिस्सा रहे हैं। जबकि सचिन तेंदुलकर 127 सफल चेज में टीम का हिस्सा थे।

गौर करने वाली बात ये कि पिछले ऑस्ट्रेलिया टूर में महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट मैच से संन्यास ले लिया था उस वक्त किक्रेट के पंडित ये कहने लगे थे कि टीम प्रबंधन से धोनी की अनबन है लेकिन धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में ही अपने बल्ले से खुद को एक बार फिर स्थापित कर दिया और तमाम विरोधियों की जुबान पर ताला लगा दिया है। धोनी ने दिखा दिया कि वो चाहे विकेट के पीछे हों या 22 गज की पिच पर टीम उनके लिए प्राथमिकता है।

इतना ही नहीं माही हर समय अपने साथी कप्तान के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलते दिखते हैं। टीम के युवाओं को समय समय पर नसीहत देते हैं और फील्डिंग बदलाव करते हैं, इतना ही नहीं डीआरएस में उनके फैसले काफी हद तक सही रहते हैं। इन तमाम खूबियों की वजह से महेंद्र सिंह धोनी कोहली के सबसे भरोसेमंद द्रोणाचार्य हैं। ऐसे में कप्तान कोहली को विश्वकप में माही जैसे मांझी की खास दरकार है जो अपने कमाल से तीसरी बार वर्ल्ड कप की राह आसान करे और जीत टीम इंडिया की झोली में डाल दे।

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