नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी और वेस्टइंडीज के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद से महेन्द्र सिंह धोनी आलोचकों के निशाने पर बने हुए थे। श्रीलंका के खिलाफ वनडे सिरीज से पहले धोनी की फॉर्म और फिटनेस पर सवाल उठाए जा रहे थे। यहां तक की क्रिकेट पंडित इसे धोनी युग के अंत की शुरुआत बताने लगे थे। चयन समिति के चीफ़ एमएसके प्रसाद ने तो हाल ही में ये तक कह दिया था कि अगर धोनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो उनके पास विकल्प हैं। इस बयान को लेकर उनकी बहुत आलोचना हुई थी। बहरहाल, धोनी ने ना सिर्फ अपने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है बल्कि फॉर्म और फिटनेस को बरकरार रखते हुए ये भी साबित कर दिया कि अभी उनमें काफी क्रिकेट बाकी है।
3 पारियों में 82.14 के स्ट्राइक रेट से 161 रन बनाए हैं
भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो में खेले गए सिरीज़ के चौथे वनडे मैच में धोनी ने 42 गेंदों में नाबाद 49 रन की पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 1 छक्का और 4 चौके भी निकले। कोलंबो वनडे में धोनी लगातार तीसरी बार नॉट आउट रहे। सिरीज़ के पहले मैच में धोनी को बल्लेबाज़ी करने का मौका नहीं मिला था। जबकि दूसरे वनडे में उन्होंने टीम इंडिया के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई। दूसरे वनडे में 231 रन का पीछा करते हुए एक समय पर टीम इंडिया ने अपने 7 विकेट गंवा दिए थे। तब धोनी ने एक बार फिर फिनिशर की भूमिका निभाते हुए 8वें विकेट के लिए भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी की और टीम इंडिया को 3 विकेट से जीत दिलाई। इस मैच में धोनी 45 रन बनाकर नाबाद रहे थे। ठीक ऐसा ही नजारा तीसरे वनडे मैच में भी देखने को मिला। तीसरे वनडे में धोनी ने रोहित शर्मा के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 157 रन की साझेदारी की और टीम इंडिया को 6 विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस मैच में धोनी ने नाबाद 67 रन बनाए थे। कुल मिलाकर अबतक धोनी 4 मैचों की 3 पारियों में 82.14 के स्ट्राइक रेट से 161 रन बना चुके हैं।
पहली बार अपनी बैटिंग टैक्नीक में किए दो बदलाव
ज़ाहिर है उम्र धोनी के साथ नहीं है ऐसे में टीम में अपनी जगह बरकरार रखने के लिए उनपर काफी दबाव है। ये भी सच है कि कुछ समय से धोनी की बल्लेबाज़ी में वो धार नहीं दिख रही थी जिसके फ़ैंस आदी हैं। मिडिल ओवर्स में स्ट्राइक रोटेट करने और अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ रन बनाने की उनकी क्षमता में ज़ंग लगता नज़र आ रहा था। शायद धोनी को भी इसका एहसास था तभी उन्होंने पहली बार अपनी बैटिंग टैक्नीक में दो बदलाव किए हैं। अब वह बॉलिंग का सामना करते वक़्त पीछे की तरफ एक्रॉस शफ़ल करने लगे हैं। इससे उन्हें शॉट खेलने की जगह भी मिलती है और मौक़ा भी। इसके अलावा अब वह अपने पसंदीदा बैटिंग पैड मोरैंट की जगह अमूमन इस्तेमाल किए जाने वाले पैड का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोरैंट पैड्स बहुत कम बल्लेबाज़ इस्तेमाल करते हैं। सचिन, सहवाग और गांगुली ये पैड पहनकर बैटिंग करते थे। ये पैड दूसरे पैड्स के मुक़ाबले 200 ग्राम हल्का होता है। मोरैंट पैड के पीछे दो स्ट्रेप्स होते हैं।
आंकड़ों के खेल में धोनी ने मारा धोबी पाट
धोनी पिछले 1 साल से आलोचकों के रेडार पर हैं लेकिन अगर हम धोनी के पिछले 1 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो साबित हो जाता है कि उनके बल्ले में अभी भी वही धार है जिसके लिए वो जाने जाते हैं। पिछले 1 साल में खेले 22 वनडे मैचों में धोनी ने 67.18 के बेहतरीन औसत से 739 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक भी निकला है। ये आंकड़ें खुद बयां कर रहे हैं कि धोनी को चुका हुआ मानना आलोचकों के लिए कितना गलत साबित हुआ।
धोनी को 300वें वनडे मैच में टीम इंडिया ने कर दिया ''चांदी-चांदी''
वनडे में सबसे ज्यादा बार नॉट आउट रहने का रिकॉर्ड धोनी ने अपने नाम किया