भारत में क्रिकेट में सट्टेबाज़ी को अपराध माना जाता है हालंकि कई देशों में इसे कानूनी वैधता मिली हुई लेकिन अब भारत में भी सट्टेबाजी को कानूनी वैधता देने पर विचार किया जा रहा है। इस सिलसिले में विधि आयोग ने सभी राज्य क्रिकेट संघों को भारत में सट्टेबाज़ी को कानूनी रूप से वैध करने के लिए बाकायदा सुझाव मांगे हैं।
भारतीय विधि आयोग के सचिव संजय सिंह ने राज्य क्रिकेट संघों को पत्र लिखे हैं जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सट्टेबाज़ी को कानूनी रूप देने के लिए विधि आयोग को संभावनाएं तलाशने के लिए कहा है।
पत्र के अनुसार” विधि आयोग क्रिकेट से जुड़े सभी पक्षों से इस बारे में बात कर उनसे सुझाव मांग रहा है। हमारा मानना है कि राज्य संघों के सट्टेबाजी को लेकर सुझाव अहम है।
सट्टेबाज़ी और जुआ के मद्देनज़र आयोग ने निर्णय किया है कि वह दोनों को कानूनी रूप देने की संभावनाओं पर विचार करे।’ इस पत्र में विधि आयोग ने सभी राज्य संघों से जल्द ही अपने सुझाव देने के लिए कहा है ताकि आयोग जल्द ही इस मामले पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके।
भारत में क्रिकेट को लेकर हमेशा से अलग ही जुनून रहा है और ऐसे में सट्टेबाजी की समस्या भी मैचों के दौरान आम है। ऐसे में बीसीसीआई और सरकार हमेशा ऐसी गतिविधियों से परेशान रहते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान भी सट्टेबाजी की गतिविधियां आम रहती हैं।