एडिलेड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने बेहद निराश किया। पहली इनिंग में दो गेंद खेलने के बाद वह मिशेल स्टार्क के हाथों बिना खाता खोले बोल्ड हुए, वहीं दूसरी इनिंग में चार गेंद खेलने के बाद पैट कमिंस ने उन्हें बोल्ड कर पवेलियन का रास्ता दिखाया।
दोनों ही विकेट के दौरान पृथ्वी शॉ के बैट और पैट में काफी गैप था, जिस वजह से अब उनकी डिफेंस की टेकनीक पर सवाल उठने लगे हैं।
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भारतीय पूर्व कप्तान मोहम्मद अजरूद्दीन का भी यही मानना है। उनका कहना है कि एक एक सलामी बल्लेबाज होने के नाते पृथ्वी शॉ का डिफेंस अच्छा होना चाहिए। साथ ही उन्होंने शॉ को रन बनाने के कुछ टिप्स भी दिए।
स्पोर्ट् स्टार को दिए इंटरव्यू में अजरूद्दीन ने कहा "आप कितने महान बल्लेबाज हो ये मायने नहीं रखता, एक सलामी बल्लेबाज होने के नाते ऑस्ट्रेलिया के क्वालिटी गेंदबाजों को खेलते हुए आपका डिफेंस अच्छा होना चाहिए।"
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उन्होंने कहा "उसके पास बहुत प्रतिभा है, लेकिन उसका खेल फ्री फ्लो है और एक दिन ऐसा होगा जब वह विरोधियों की धज्जियां उड़ा सकता है। लेकिन वह हर दिन नहीं हो सकता। एक ओपनर होने के नाते आपका सबसे पहला काम गेंद की चमक को हटाना होता है। अगर आप बहुत अधिक नहीं रन बनाते फिर भी यह जरूरी है कि आप धैर्य के साथ लंबे समय तक क्रीज पर डटे रहें।"
अजरूद्दी ने आगे कहा "इस तरह जब आप आत्मविश्वास हासिल कर लेते हैं और सेटल हो जाते हैं तो आप अपने अनुसार स्ट्रोक खेल सकते हैं। ऐसे आप रन बना सकते हैं। आप उच्चतम स्तर पर अपना धैर्य नहीं खो सकते।"
पृथ्वी शॉ के आउट होने के तरीके में एक और बात नोटिस की गई कि जब वह गेंद को मारने के लिए जा रहे होते हैं तो उनका पैर हवा में ही रहता है। जस वजह से उनके बैट और पैड में अंतर रह जाता है।
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अजरूद्दीन ने कहा "मुझे उम्मीद है कि टीम मैनेजमेंट में से कोई उसे बताएगा कि उसे अपना डिफेंस मजबूत करने की जरूरत है। आप वैसा अटैकिंग गेम नहीं खेल सकते जो आपने दो साल पहला वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था क्योंकि आप पिंक बॉक बॉल से काफी लंबे समय बाद खेल रहे हो, इसलिए यह चुनैतीपूर्ण है। आपको ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।"
दो साल पहले जब पृथ्वी शॉ ने अपने डेब्यू मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक जड़ा था तो हर कोई उनकी तुलना क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से करने लगा था। इस बारे में अजरूद्दीन ने कहा "15 साल बाद क्रिकेट खेलने के बाद ही इसकी तुलना हो सकती है।"