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सचिन और द्रविड़ जैसे बड़े खिलाड़ियों की वजह से नहीं खेलने को मिला ज्यादा टेस्ट क्रिकेट - मोहम्मद कैफ

कैफ ने कहा "यह मेरे लिए सीखने वाला अनुभव था, यह ऐसा था कि नौसिखिए तैराक को गहरे पानी में डाल दिया गया हो और कहा गया हो कि वो अपनी खुद हेल्प कर ले।'

Written by: India TV Sports Desk
Published on: June 18, 2020 8:51 IST
Mohammad Kaif Test Cricket Yuvraj Singh Sachin tendulkar Rahul Dravid- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Mohammad Kaif Test Cricket Yuvraj Singh Sachin tendulkar Rahul Dravid

भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ को टीम में उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा उनकी लाजवाब फील्डिंग से जाना जाता है। भारत को पहली बार अपनी कप्तानी में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीताने के बाद कैफ को तुरंत सीनियर टीम में खेलने मौका मिला, लेकिन उनका कहना है कि वह उस समय महज 20 साल के थे और वर्ल्ड क्लास गेंदबाजों का सामना करने के लिए तैयार नहीं थे। इसी के साथ कैफ ने कहा कि उन्हें और युवराज सिंह को टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा खेलने का मौका इसलिए नहीं मिला क्योंकि टीम में पहले से ही सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कैफ ने कहा 'उस समय टीम इंडिया में बड़े नाम जैसे कि सचिन, द्रविड़, सहवाग शामिल थे। इसलिए मुझे और युवराज को ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला, हालांकि युवी को मुझसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला।' 

कैफ ने भारत के लिए कुल 13 ही टेस्ट मैच खेले हैं। कैफ को अंडर19 वर्ल्ड कप के तुरंत बाद भारतीय टेस्ट टीम के लिए कॉल आया था। उन दिनों को याद करते हुए कैफ ने कहा  'जब मुझे टेस्ट टीम के लिए कॉल आया था तो मैं हैरान रह गया था। भारत ने पहली बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था, तो मीडिया में भी इसको लेकर काफी चर्चा थी। तब एक चैलेंजर टूर्नामेंट हुआ था, जिसमें ज्यादातर अंडर-19 क्रिकेटरों को खेलने का मौका मिला था। मैंने बैक टू बैक दो मैचों में 90+ स्कोर बनाया था, फिर मुझे टेस्ट टीम में मौका मिला।'

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कैफ ने इसी के साथ बताया कि एक बार उन्हें 2006 में एक खिलाड़ी के चोटिल होने की वजह से खेलने का मौका मिला था। इस मौके को दोनों हाथों से लपकते हुए कैफ ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन फिर भी उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर होना पड़ा था।

इसके बारे में बात करते हुए कैफ ने कहा 'मुझे 2006 में नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला था, जब कोई खिलाड़ी चोटिल था और मैंने 91 रन बनाए थे। फिर वो खिलाड़ी फिट हो गया और मैं टीम से ड्रॉप कर दिया गया। वो टीम इतनी मजबूत थी कि मुझे ज्यादा मौके ही नहीं मिले। वो सभी दिग्गज क्रिकेटर्स थे। सचिन और द्रविड़ जैसे लीजेंड्स जिन्होंने हम लोगों को प्रेरित किया।'

20 साल की उम्र में भारत के लिए खेलने को कैफ ने जल्दबाजी बताया। कैफ ने कहा लेकिन मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में कुछ जल्दबाजी हो गई, एलन डोनाल्ड, शॉन पोलक, नैंटी हेवार्ड जैसे गेंदबाजों का सामना करने के लिए मैं उस समय बस 20 साल का था। वो काफी तेज गेंदबाज थे। यह मेरे लिए सीखने वाला अनुभव था, यह ऐसा था कि नौसिखिए तैराक को गहरे पानी में डाल दिया गया हो और कहा गया हो कि वो अपनी खुद हेल्प कर ले।'

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उन्होंने आगे कहा 'सच कहूं तो मैं उस समय उस तरह के तेज गेंदबाजों का सामना करने के लिए तैयार नहीं था, जिनका मैंने पहले कभी सामना नहीं किया था। वो काफी बाउंसर्स फेंकते थे। यह बड़ा अंतर था, फिर मुझे टीम से ड्रॉप कर दिया गया था, वनडे इंटरनैशनल में डेब्यू के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। इंग्लैंड के खिलाफ अपने होमग्राउंड कानपुर में मैंने वनडे इंटरनैशनल डेब्यू किया था। उन दो सालों में मैंने काफी कुछ सीखा कि इंटरनैशनल लेवल पर कैसे खेलते हैं।'

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