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मोहम्मद कैफ ने बताया, शायद धोनी को नजरअंदाज करने से खत्म हो गया उनका करियर

साल 2006 में कैफ ने आखिरी बार अंतराष्ट्रीय मैच खेला। जिसके बाद से कभी मैदान में टीम इंडिया की जर्सी पहनकर दिखाई नहीं दिए।

Written by: India TV Sports Desk
Published on: May 25, 2020 16:47 IST
MS Dhoni and Kaif- India TV Hindi
Image Source : GETTY MS Dhoni and Kaif

कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में सभी प्रकार के क्रिकेट खेल पर रोक लगी हुई हैं। जिसके चलते सभी खिलाड़ी घर में बैठकर अक्सर कुछ मजेदार किस्से या कहानियां सोशल मीडिया या फिर किसी शो के माध्यम से फैंस को सुना रहे हैं। इसी कड़ी में टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज व बेहतरीन फील्डर माने जाने वाले मोहम्मद कैफ ने भी एक किस्सा सुनाया है। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम इंडिया में वापसी करने ने नाकाम रहे। धोनी के साथ कैफ एक या दो साल ही खेले जिसके चलते वो टीम इंडिया से बाहर हुए और कभी वापसी नहीं कर सके। अंत में जा कर कैफ को क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा। इस तरह साल 2006 में उन्होंने आखिरी बार अंतराष्ट्रीय मैच खेला। जिसके बाद से कभी मैदान में टीम इंडिया की जर्सी पहनकर कैफ दिखाई नहीं दिए।

इस तरह स्पोर्ट्सस्क्रीन से बात करते हुए कैफ ने बताया कि उन्होंने टीम इंडिया को अपने घर खाने पर बुलाया था और उस समय सीनियर खिलाड़ियों पर ध्यान देने के चक्कर में वो धोनी और सुरेश रैना जैसे जूनियर खिलाड़ियों को अच्छे से अटेंड नहीं कर सके थे।

कैफ ने कहा, " 2006 में नोएडा में मैंने सभी भारतीय क्रिकेटरों को अपने घर पर खाने के लिए बुलाया था। ग्रेग चैपल, सौरव गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटर्स को मैंने बुलाया था और मैं इस बात को लेकर नर्वस था कि मैं इन लोगों को किस तरह से अटेंड करूंगा। मैं उस समय तेंदुलकर, गांगुली जैसे बड़े खिलाड़ियों की मेहमाननवाजी में लगा हुआ था।'

जिसके चलते कैफ टीम में शामिल महेंद्र सिंह धोनी सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं दे पाए। जिस पर धोनी ने एक बार मजाक में उन्हें कहा भी था कि उन्होंने उनको अच्छे से अटेंड नहीं किया था।

कैफ ने आगे कहा, "उन्हें अभी भी याद है कि वो अपने घर पर जूनियर क्रिकेटर्स को अच्छे से अटेंड नहीं कर सके थे। धोनी, रैना उन युवा क्रिकेटरों में शामिल थे, जो अलग कमरे में बैठे थे। जबकि सचिन, गांगुली जैसे सीनियर खिलाड़ी अलग कमरे में बैठे थे। मैं ज्यादातर समय सीनियर खिलाड़ियों के साथ बैठा था। जूनियर खिलाड़ियों पर मैं ज्यादा ध्यान नहीं दे सका था।'

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कैफ ने कहा, 'एमएस (धोनी) को शायद अच्छा नहीं लगा था कि मैं उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सका था, यही कारण था कि 2007 में धोनी जब कप्तान बने तो मैं टीम में वापसी नहीं कर सका (ठहाका लगाते हुए), वो हमेशा मुझे याद दिलाते रहते हैं कि जब वो घर आए थे तो मैंने उनका अच्छे से ध्यान नहीं रखा था।'

बता दें कि टीम इंडिया के लिए मोहम्मद कैफ ने 13 टेस्ट मैच और 125 वनडे मैच खेले हैं। इतना ही नहीं सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया में वो स्टार खिलाड़ी थे। उन्होंने युवराज के साथ मिलकर इंग्लैंड में भारत को साल 2002 में नेटवेस्ट सीरीज भी जिताई थी। जिसे फैंस हमेशा अपने जहन में ताजा रखते हैं।

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