भारतीय पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ की गिनती भारत के बेस्ट फील्डरों में होती है। कैफ ने करियर के दौरान अपनी बल्लेबाजी से ज्यादा फील्डिंग में सुर्खियां बटोरी है। अब फैन ने बताया है कि कैसे एक खिलाड़ी अच्छा फील्डर बन सकता है। कैफ ने बताया कि एक अच्छा फील्डर बनने के लिए आपको घंटों लंबा अभ्यास करना होता है और इसी दौरान उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी और फील्डिंग में बहुत-सी समानताएं होती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कैफ ने फील्डिंग के बारे में बात करते हुए कहा "जैसे एक पूर्ण बल्लेबाज वह होता है, जो बाउंसर को अच्छी तरह से खेल सकता है। ड्राइव करने में सक्षम है, कट और पुल अच्छी तरह से खेलता हैऔर स्पिन भी आराम से खेल सकता है। साथ ही क्रीज पर बने रहने के लिए धैर्य रखता है। ये सभी चीजें मिलकर एक अच्छा बल्लेबाज बनाती हैं। फील्डिंग में भी ऐसा ही होता है। आपको पता होना चाहिए कि कैसे स्लाइड करना है, आपको तेज दौड़ने में सक्षम होना चाहिए, आपको धैर्य रखना आना चाहिए, डाइव के साथ गेंद को रोकने के बाद भी आपके पास एक अच्छा उद्देश्य होना चाहिए। ये सभी चीजें मिलकर आपको एक अच्छा फील्डर बनाती हैं।''
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इसी के साथ कैफ ने बल्लेबाज और फील्डिंग के बीच बहुत सी समानताएं भी बताई। कैफ ने आगे कहा "मुझे लगता है कि बल्लेबाजी और फील्डिंग में बहुत-सी समानताएं हैं और एक अच्छा फील्डर है, जो एक अच्छा बल्लेबाज भी है, उसे एक ऑलराउंडर भी कहा जाना चाहिए। और एक खिलाड़ी को एक अच्छा फील्डर होने के लिए इनाम दिया जाना चाहिए ताकि एक खिलाड़ी को एक अच्छा फील्डर बनने के लिए प्रोत्साहन मिले।''
कैफ ने कहा कि अच्छा फील्डर बनने के लिए फील्डिंग ड्रिल्स में क्वॉलिटी से ज्यादा क्वॉन्टिटी मायने रखती है। कैफ ने कहा ''एक अच्छा फील्डर बनने के लिए आपको घंटों लंबा अभ्यास करना होता है। फील्डिंग ड्रिल्स में क्वॉलिटी से ज्यादा क्वॉन्टिटी मायने रखती है। तभी आप एक अच्छे फील्डर बन सकते हैं। आपमें एक अच्छा फील्डर बनने का जुनून होना चाहिए।''
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कैफ ने आगे कहा ''क्योंकि एक मैच में 30 मिनट का समय नहीं होता है, इसलिए आपके पास मैदान पर रहने की फिटनेस होनी चाहिए। अगर आप थके हुए तब भी एक कैच आपकी तरफ कभी भी आ सकती है। आपको उसके लिए डाइव लगानी पड़ सकती है। उस गेंद को कैच करने के लिए आपको स्लाइड लगानी पड़ी सकती है। और यह क्षमता क्वॉन्टिटी से आती है, क्वॉलिटी से नहीं। आपके पास एक अच्छी तकनीक होनी चाहिए। साथ ही हाथ और आंख के बीच अच्छा समन्वय भी होना चाहिए।''