भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के अध्यक्ष जी विवेक के लगाये आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि उन्होंने एचसीए की ताजा घटनाक्रम के बारे में बीसीसीआई को लिखा है। एचसीए में यह विवाद तब सामने आया जब सात जनवरी को विशेष आम बैठक (एसजीएम) में अजहर को नहीं जाने दिया गया। इस बैठक में सदस्यों को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के बारे में बताया जाना था।
अजहर को कहा गया कि वह प्रोक्सी हैं इसलिए बैठक में उन्हें शामिल होने की अनुमति नहीं है। अजहर ने कहा कि वह एक क्रिकेट क्लब के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, ‘वे (एसचीए अधिकारी) लगातार कह रहे थे कि मैं अधिकृत नहीं हूं। मैं नेशनल क्रिकेट क्लब का उपाध्यक्ष हूं। मेरे पर उससे जुड़ा पत्र है जिसका समर्थन एचसीए के तत्कालीन सचिव ने किया है।’ इस सचिव को बाद में निलंबित कर दिया गया था लेकिन निलंबन से पहले उन्होंने तीन जनवरी को अजहर का कार्ड (बैठक में शामिल होने का) जारी किया था।
अजहर ने कहा, ‘मुझे ये कैसे पता चलता कि वह पांच जनवरी को निलंबित होने वाले है। मेरे पास कार्ड और पत्र है जो उन्होंने मुझे अपने कार्यकाल के दौरान जारी किया था। इसमें मेरी क्या गलती है।’ अजहर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में बीसीसीआई को लिखा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने बीसीसीआई को इस मामले से अवगत कराया है। मैनें प्रशासकों की समिति को लिखा है। मुझे लगता है उन्हें कार्रवाई करनी चाहिये। एचसीए ने जो किया है वह गैरकानूनी है।’