पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर का कहना है कि वह इस बात का खुलासा नहीं करना चाहते कि उन्होंने किन हालातों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया, क्योंकि इसके पीछे की दास्तां भयावह है। आमिर अपने करियर के शुरुआती दौर में स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के चलते पांच वर्षो का प्रतिबंध झेल चुके थे।
आमिर ने 2019 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था जबकि पिछले साल अगस्त में उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूप को अलविदा कह दिया था।
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आमिर ने कहा, "अपने देश के लिए जिस खेल को खेलते हैं उससे संन्यास लेना आसान नहीं होता है। मैंने इस फैसले को लेने से पहले काफी सोचा। मैंने अपने करीबियों से इस बारे में चर्चा और तब फैसले पर पहुंचा था।"
उन्होंने कहा, "अगर मैं विस्तृत जानकारी में जाऊं और उन चैप्टर को दोबारा खोलूं तो यह काफी भयावह हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे खिलाड़ी, विशेषकर युवा भविष्य में इन चीजों का सामना नहीं करेंगे जो मुझे करना पड़ा। मैं नहीं चाहता कि हमारे युवा खिलाड़ी अपने करियर का बलिदान दें जैसा मैंने किया।"
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आमिर के आलोचकों का कहना है कि वह देश के बजाए फ्रेंचाइजी लीग में खेलना पसंद करते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें वैसा सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।
आमिर ने कहा, "मेरे लिए सम्मान ज्यादा मायने रखता है और मुझे लगता है कि मुझे वो सम्मान नहीं मिला जिसका मैं हकदार था और इसलिए मैंने संन्यास लेने का फैसला किया।"