मोहाली: टीम इंडिया को अपने स्पिनरों का शुक्रगुज़ार होना चाहिये कि उन्होंने चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ के पहले मैच में शुक्रवार को 201 के मामूली टोटल को डिफेंड करते हुए साउथ अफ़्रीका को न सिर्फ 184 पर धराशायी कर दिया बल्कि 17 रन (भले ही मामूली हो) बढ़त भी ले ली।
कल जब साउथ अफ़्रीका ने भारत को Rank turner wicket पर 201 पर लपेट दिया था तो ख़तरे की घंटियां बजने लगी थी कि कहीं अति घुमावदार विकेट बनाने की रणनीति उल्टी ही न पड़ जाए।
आज जिस तरह से आमला ख़ासकर evergreen डिविलियर्स जिस तरह से खेल रहे थे लग रहा था कि मेज़बान शायद आशंकाओं को सही साबित न कर दे क्योंक ऐसे under prepared विकेट पर 80-100 रन की लीड बहुत भारी पड़ जाती है।
लेकिन कोहली के स्पिनरों ने अश्विन की अगुवाई में एकदम सही समय पर साउथ अफ़्रीका पर लग़ाम कस दी। ये विकेट कितना टर्न ले रहा है इसका अंदाजा़ इस बात से लगाया जा सकता है दसों विकेट भारतीय स्पिनरों ने लिये हैं। वैसे दो दिन में 22 विकेट भी यही दर्शाता है कि इस विकेट पर बल्लेबाज़ी करना टेढ़ी न सही सीधी खीर भी नही है।
स्पिनरों के बाद भारतीय बल्लेबाज़ों (शिखर धवन को छोड़कर) ने भी दूसरी पारी में साबित कर दिया कि भले ही स्पिन खेलने की उनकी क्षमता पर सवालिया निशान लगते रहे हों मगर ये तो ज़ाहिर है कि वे बाक़ी से ज़रा बेहतर स्पिन खेलना जानते हैं।
भारत ने दूसरी पारी में 125 रन बना लिये हैं यानी उसे कुल 142 रन की बढ़त प्राप्त हो चुकी है और उसके आठ बल्लेबाज़ बाक़ी हैं। कल अगर भारत 100 रन और बनाकर ऑल आउट भी हो जाती है तो साउथ अफ़्रीका के लिए ये स्कोर हिमालय से कम विशाल नहीं होगा।