नई दिल्ली: विपक्षी दल कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर मनी लांडरिंग के आरोपी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र ब्रिटेन से ललित के निर्वासन की जगह प्रत्यर्पण की मांग कर रहा, जिसमें आठ से 10 वर्ष का समय लग सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, "मोदी सरकार 'मोदीगेट' मामले को दबाना चाहती है, क्योंकि उनका कहना है कि भगोड़े ललित मोदी का निर्वासन संभव नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संसद में और संसद के बाहर लगातार यही कह रहे हैं कि ललित मोदी का प्रत्यर्पण ही एकमात्र विकल्प है।"
सुरजेवाला ने कहा, "मोदी सरकार को अच्छी तरह पता है कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में आठ से 10 वर्षो का समय लग सकता है और तब तक लोगों का ध्यान ही इस मामले से हट जाएगा।"
कांग्रेस ने इसके अलावा केंद्र सरकार पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और तत्कालीन ब्रिटिश सरकार के बीच ललित मोदी के निर्वासन को लेकर हुए संदेशों के आदान-प्रदान को सार्वजनिक न करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "चिदंबरम ने ललित मोदी के प्रत्यर्पण की जगह निर्वासन के लिए आठ जुलाई, 2013, 21 अगस्त, 2013 और 14 मार्च, 2014 को ब्रिटिश सरकार को चिट्ठियां भेजी थीं। ये चिट्ठियां ब्रिटेन के तत्कालीन राजकोष के चांसलर जॉर्ज ऑस्बोर्न को लिखी थीं।"
कांग्रेस ने ललितगेट मामले में चिदंबरम की चिट्ठियों के जवाब में आए ऑस्बोर्न के दो संदेशों को सार्वजनिक भी किया।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद के अंदर और बाहर हर जगह उठाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडरिंग के आरोप में ललित मोदी से पूछताछ की इच्छा जाहिर की है।