पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में भारत की दृढ़ता से निबटने के लिये पहली से लेकर आखिरी गेंद तक थोड़ा सख्त रवैया दिखाना चाहिए था। क्लार्क हालांकि इस घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की हार का दोष कप्तान टिम पेन को नहीं देते। कई खिलाड़ियों के चोटिल होने से परेशान रहे भारत ने मंगलवार को चौथा और अंतिम टेस्ट तीन विकेट से जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की और बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखी।
पेन की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया ने 23 टेस्ट मैच खेले जिनमें से उसे केवल 11 में ही जीत मिली। भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज में दो हार से उनका रिकॉर्ड और खराब हो गया है। पेन को 2018 में साउथ अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ के मामले के बाद स्टीव स्मिथ की जगह कप्तान बनाया गया था। उनकी न सिर्फ अपनी कप्तानी बल्कि खराब विकेटकीपिंग के कारण भी आलोचना हो रही है। लेकिन क्लार्क का मानना है कि नकारात्मक मानसिकता के कारण ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा।
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क्लार्क ने ‘बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारा रवैया कुछ अवसरों पर नकारात्मक रहा क्योंकि हमारे अंदर पराजय का भय था। इसके बजाय हमें सख्त रवैया अपनाकर मैच जीतने की कोशिश करनी चाहिए थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आखिर में मैच में 20 ओवर रहते हुए हारना या अंतिम गेंद पर हारना मायने नहीं रखता। हमें ट्रॉफी हासिल करने के लिये यह मैच जीतना चाहिए था। मुझे लगता है कि हमें मैच की पहली गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक इस तरह का रवैया दिखाना चाहिए था।’’
क्लार्क ने कहा कि एक समय था जबकि कप्तान के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ा जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं क्रिकेट खेलता था, जब मैं अपने पिता को देखकर बड़ा हुआ तो मैं जिन टीमों में खेलता था उनमें कप्तान जवाबदेह होता था लेकिन समय के साथ यह बदल गया।’’ क्लार्क ने कहा, ‘‘अब चयनसमिति का अध्यक्ष है, हाई परफोरमेन्स मैनेजर है, मुख्य कोच है जिनके पास अधिक जिम्मेदारियां हैं। इनमें से अब टीम का संचालन कौन कर रहा है? यह मेरे कहने का मतलब है। ’’
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पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने भी पेन का बचाव किया। ली ने फॉक्सस्पोर्ट्स.काम.एयू से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जब से उसने कप्तानी संभाली तब से बहुत अच्छी नेतृत्वक्षमता दिखायी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा टिम पेन की विकेटकीपिंग के बारे में भी काफी कुछ कहा जा रहा है। उसने कुछ मौके गंवाये लेकिन कौन नहीं गंवाता। आप विकेटकीपरों के इतिहास में झांककर देखिये और आपको कई ऐसे विकेटकीपर मिल जाएंगे जो विकेट के पीछे खराब दौर से गुजरे। वह अच्छा कप्तान और बेहतरीन विकेटकीपर है।’’