मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने बुधवार को घोषणा की कि अब पुरूष और महिला दोनों के लिये 'बैट्समैन' के बजाय तुरंत प्रभाव से 'जेंडर न्यूट्रल' 'बैटर' शब्द का इस्तेमाल किया जायेगा। एमसीसी समिति द्वारा इन नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गयी। इससे पहले क्लब की विशेषज्ञ नियमों की उप समिति ने इस संबंध में चर्चा की थी।
खेल के नियमों की संरक्षक एमसीसी ने एक बयान में कहा, "एमसीसी का मानना है कि 'जेंडर-न्यूट्रल' (जिसमें किसी पुरूष या महिला को तवज्जो नहीं दी गयी हो) शब्दावली का इस्तेमाल सभी के लिये एक सा होने पर क्रिकेट के दर्जे को बेहतर करने में मदद करेगा।"
बयान के अनुसार, "ये संशोधन इस क्षेत्र में पहले से किये गये कार्य का स्वाभाविक विकास और खेल के प्रति एमसीसी की वैश्विक जिम्मेदारी का जरूरी हिस्सा है।"
महिला क्रिकेट ने दुनियाभर में सभी स्तर पर अभूतपूर्व विकास किया है इसलिये महिलाओं और लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित करने के लिये अधिक से अधिक 'जेंडर न्यूट्रल' शब्दों को अपनाने की बातें की जा रही थीं। कई संचालन संस्थायें और मीडिया संस्थायें पहले ही 'बैटर' शब्द का इस्तेामल कर रही हैं।
एमसीसी ने कहा, "2017 में पिछले 'रिड्राफ्ट' में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और महिला क्रिकेट की कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों से सलाह के बाद सहमति बनी थी कि खेल के नियमों के अनुसार शब्दावली 'बैट्समैन' ही रहेगी।"
इसके अनुसार, "आज घोषित हुए बदलावों में 'बैटर' और 'बैटर्स' शब्द क्रिकेट जगत में व्यापक उपयोग को दर्शाते हैं। 'बैटर' शब्द का इस्तेमाल स्वाभाविक प्रगति है जो नियमों में 'बॉलर्स' और 'फील्डर्स' शब्दों के अनुरूप ही है।"
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एमसीसी में सहायक सचिव (क्रिकेट और संचालन) जेमी कॉक्स ने कहा, "एमसीसी क्रिकेट को सभी के लिये एक खेल मानता है और यह कदम आधुनिक समय में खेल के बदलाव को मान्यता देता है। यह समय इस फैसले को आधिकारिक रूप से मान्यता देने के लिये सही है और हम नियमों के सरंक्षक के रूप में इन बदलावों की घोषणा करके खुश हैं।" हिंदी में पहले ही महिला और पुरूषों के लिये बल्लेबाज शब्द लिखा जाता है।