पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर को लगता है कि बतौर कप्तान विराट कोहली शानदार काम कर रहे हैं, ऐसे में भारत को निकट भविष्य में तीनों फॉर्मेंट में अलग-अलग कप्तान बनाने की जरूरत नहीं है। दुनिया भर के कई शीर्ष टीमों के अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान हैं, लेकिन टीम इंडिया उन कुछ टीमों में से एक है, जिनके सभी प्रारूपों में एक ही कप्तान हैं।
टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के पास टिम पेन हैं, जबकि एरोन फिंच टेस्ट क्रिकेट में कप्तान की भूमिका निभाते हैं। इसी तरह, जो रूट सबसे लंबे और सबसे छोटे प्रारूप में इंग्लैंड का नेतृत्व करते हैं, लेकिन वनडे में इयोन मॉर्गन कप्तान हैं।
T20 क्रिकेट में रोहित शर्मा का बतौर कप्तान रिकॉर्ड शानदार है जिसकी वजह से उनको बार-बार लिमिटेड ओवर में भारतीय टीम का कप्तान बनाए जाने की चर्चा होती रहती है, लेकिन मांजरेकर को लगता है कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।
मांजरेकर ने अपने यूट्यूब चैनल 'आस्क संजय' पर कहा, "अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तानी को लेकर मेरा विचार है कि आप इसके लिए खोज नहीं करते हो। अगर आप भाग्याशाली हो कि आपके पास ऐसा कप्तान है जो तीनों फॉर्मेट में अच्छा कर रहा है तो आपको अलग-अलग कप्तानों की जरूरत नहीं है और इस समय हमारे पास विराट कोहली हैं जो तीनों प्रारूपों में अच्छा कर रहे हैं। इसलिए भारत को अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तानी की जरूरत नहीं है।"
मांजरेकर ने कहा, "भविष्य में हो सकता है कि ऐसा समय आ जाए कि भारत को ऐसा करना पड़े लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है जो आप चाहते हो। अगर ऐसा होता कि भारत के पास शानदार टेस्ट कप्तान और टेस्ट खिलाड़ी भी हो लेकिन वो 50 ओवरों के फॉर्मेट में या टी-20 में अच्छा न हो तो आपके पास अलग-अलग कप्तान हो सकते हैं, लेकिन इस समय तो ऐसा नहीं है।"
(With IANS inputs)