गोंडा (उत्तर प्रदेश)। भारतीय क्रिकेट जगत में नाम कमाने वाले आलराउंडरों की संख्या काफी अधिक नहीं है और राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले वेंकटेश अय्यर को पता है कि अगर उन्हें अपनी अहमियत बनाए रखनी है तो खेल के दोनों पहलुओं पर ध्यान देना होगा। आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद मध्य प्रदेश के 26 साल के इस खिलाड़ी को 17 नवंबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की घरेलू श्रृंखला के लिए भारतीय टी20 टीम में जगह मिली है और उन्हें पता है कि भविष्य में उनके लिए काम के बोझ का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण पहलू रहेगा।
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलने वाले अय्यर ने पीटीआई से कहा, ‘‘अब तक काम के बोझ का मेरा प्रबंधन अच्छा रहा है। मैं आलराउंडर हूं इसलिए मुझे खेल के दोनों पहलुओं पर बराबर ध्यान देना पड़ता है। आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में राज्य स्तर पर खेलने के दौरान से ही मैं ऐसा करता रहा हूं। अब तक यह मेरे लिए बहुत बड़ा मुद्दा नहीं रहा है।’’ अय्यर विभिन्न प्रारूपों में अपने कौशल का नजारा पेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा लाल गेंद के अपने खेल पर कड़ी मेहनत की है और यह मेरा प्रयास रहा है कि मैं सिर्फ एक कौशल तक सीमित नहीं रहूं।’’
अय्यर ने कहा, ‘‘अगर आपको भारत के लिए खेलना है तो आपको सभी प्रारूपों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा और यही कारण है कि मैंने अपने खेल के दोनों विभागों पर काफी काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी बल्लेबाजी पर जितना काम किया है, उतना ही काम अपनी गेंदबाजी कर भी किया है।’’ आईपीएल में अय्यर ने नाइट राइडर्स के लिए 370 रन बनाने के अलावा तीन विकेट भी चटकाए जिससे वह राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में शामिल हुए। उन्हें हार्दिक पंड्या का विकल्प माना जा रहा है जो गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं हैं। रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के लिए छह अर्धशतक जड़ने के अलावा सात विकेट चटकाने वाले अय्यर ने कहा कि उन्हें यहां तक पहुंचाने में सिर्फ आईपीएल की ही भूमिका नहीं रही।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि यह सिर्फ आईपीएल नहीं था जिसने मुझे विश्वास दिया कि मैं देश का प्रतिनिधित्व करूंगा।’’ अय्यर ने कहा, ‘‘जब भी मैं अपने राज्य मध्य प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली खेलता था तो मुझे हमेशा पता था कि अगर मैं घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन जारी रखूंगा तो एक दिन मैं भारत के लिए खेलूंगा। मुझे हमेशा से यह विश्वास था।’’ इंदौर के रहने वाले अय्यर की प्रतिभा को स्थानीय कोच दिनेश शर्मा ने पहचाना और उनके कौशल को निखारा। अय्यर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और उन्हें राज्य की अंडर-23 टीम की कमान भी सौंपी गई। अय्यर दिल्ली के होटल में थे जब मध्य प्रदेश की टीम के उनके साथी आवेश खान ने अपने और उनके राष्ट्रीय टीम में चयन की खबर उन्हें दी।
अय्यर ने कहा, ‘‘हमारा मैच था (केरल के खिलाफ) और आवेश मेरे कमरे में आया और बताया कि हम दोनों का चयन हो गया है। बेशक इससे बेहतर कोई अहसास नहीं हो सकता।’’ अय्यर ने कहा कि वह अपने सपने को साकार करने के लिए काम कर रहे थे और उन्होंने नहीं सोचा था कि यह इतनी जल्दी साकार हो जाएगा। वित्त में एमबीए डिग्री धारक अय्यर को बहुराष्ट्रीय कंपनी डेलोइट ने एक बार नौकरी की पेशकश की थी लेकिन अपने माता-पिता से हौसलाअफजाई के बाद उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा। उन्होंने इसके अलावा चार्टर्ड एकाउंटेंसी की फाउंडेशन और इंटर स्तर की परीक्षा भी पास की है।