हाल ही में श्रीलंका में उठा वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में फिक्सिंग का मुद्दा खूब सुर्खियां बटोर रहा है। पूर्व खेल मंत्री महेंद्रानंद अलुथगामगे के आरोपों के बाद श्रीलंकाई सरकार ने इस मामले के आदेश भी दे दिया है। इस मुद्दे को गर्म होता देश श्रीलंका के पूर्व कप्तान और उस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में शतक लगाने वाले महेला जयवर्धने ने सवाल पूछा है कि प्लेइंग इलेवन से बाहर रहने वाला खिलाड़ी कैसे मैच फिक्स कर सकता है?
जयवर्धने ने ट्विट करते हुए लिखा "कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि हमने 2011 विश्व कप को बेच दिया था तो यह स्वाभाविक रूप से एक बड़ी बात है कि हम यह नहीं जानते कि अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं होने के बाद कोई कैसे मैच फिक्स कर सकता है? उम्मीद है कि हम नौ साल बाद प्रबुद्ध हो जाएंगे।"
इससे पहले जब यह मुद्दा पूर्व खेल मंत्री महेंद्रानंद अलुथगामगे ने उठाया था तो जयवर्धने और कुमरा संगाकारा ने उनकी आलोचना की थी। इस आलोचना पर अलुथगामगे ने कहा 'महेला ने कहा है कि सर्कस शुरू हो चुका है। मैं नहीं समझ पाया कि क्यों महेला और संगकारा इस मामले को बड़ा बना रहे हैं। मैं अपने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं ले रहा हूं।'
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इसी के साथ पूर्व खेल मंत्री ने कहा कि उन्होंने 2012 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से इसकी शिकायत की थी और मामले की जांच की मांग की थी।
उन्होंने कहा था, "मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत से फाइनल हारने के एक साल बाद ही कुछ क्रिकेट अधिकारियों ने कथित तौर पर कार कंपनियों को खरीदा और नए कारोबार शुरू किए।
बता दें, खेलमंत्री डल्लास अलाहाप्पेरूमा ने जांच के आदेश देने के साथ हर दो सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है। खेल सचिव के रूवानचंद्रा ने खेल मंत्री के निर्देश पर शनिवार को मंत्रालय की जांच ईकाई के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।