श्रीलंकाई सरकार ने हाल ही में क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर ऐलान किया था कि वह अपने देश का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाने जा रहे हैं। यह स्टेडियम 26 एकड़ में फैला होगा और इसमें दर्शकों की बैठने की क्षमता 60 हजार होगी। बताया यह भी जा रहा है कि इस स्टेडियम को बनाने में लगभग तीन से चार कोरड़ डॉलर की लागत आएगी।
लेकिन सरकार और बोर्ड के इस फैसले से लंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने नाखुश है। जयवर्धने ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मौजूदा बुनियादी ढांचे का ही पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अन्य स्टेडियम की जरूरत क्यों?
जयवर्धने ने ट्वीट करते हुए लिखा,‘‘हम मौजूदा स्टेडियमों में ही इतना अंतरराष्ट्रीय या प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेल पाते तो दूसरे की क्या जरूरत है?’’
इस जगह का दौरा एसएलसी अध्यक्ष शम्मी सिल्वा और सूचना संचार प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री बंदुला गुनवर्दा के नेतृत्व में किया गया था। स्टेडियम में फ्लडलाइट की सुविधा होगी और इसे तीन साल के भीतर पूरा किया जाना है।
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बता दें, श्रीलंका में फिलहाल आठ अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम है जो कैंडी, गाले, कोलंबो, हंबनटोटा, दाम्बुला, पल्लेकेले और मोरातुवा में हैं।
उल्लेखनीय है, जुलाई में भारत को श्रीलंका का दौरा करना है, लेकिन कोरोनावायस के कहर को देखते हुए ऐसा लग नहीं रहा कि भारतीय टीम इस दौरे पर जा पाएगी। इस संदर्भ में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड से यह अपील की है कि वह जुलाई में पूर्व निर्धारित दौरे को रद्द ना करें। श्रीलंका ने भारत को अपने यहां तीन वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने का प्रस्ताव दिया है।
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वहीं अरुण धुमल ने साफ किया है कि हम टीम को श्रीलंका भेजने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार की मंजूरी के बिना हम कुछ नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने अपने एक बयान में कहा, ''यह पूरी तरह से सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि आगे आने वाले दिनों में वह लॉकडाउन को किस तरह से बढ़ाते हैं। अगर जुलाई तक लॉकडाउन में कुछ छूट मिली और यात्रा को फिर से बहाल किया गया तो हम दौरे के लिए तैयार हैं लेकिन हम सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।"